Irani Cup 2024: पहले ड्रॉ हुआ मुकाबला फिर मुंबई बना चैंपियन, जानिए किस खास नियम के जरिए डिसाइड हुआ विनर
- मुंबई बना ईरानी कप 2024 का चैंपियन
- मुंबई का 27 सालों का सूखा हुआ समाप्त
- सरफराज ने मुंबई के लिए खेली 222 रनों की नाबाद पारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रणजी चैंपियन मुबंई ने ईरानी कप 2024 के ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया है। टीम मुंबई और रेस्ट ऑफ इंडिया टीम के बीच ईरानी ट्रॉफी का यह मुकाबला लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेला गया था। शनिवार 5 अक्टूबर को खेल के पांचवे दिन अजिंक्य रहाणे की कप्तानी वाली मुबंई टीम ने टूर्नामेंट में जीत दर्ज कर खिताब को अपने नाम कर लिया। इसी के साथ मुबंई ने 27 सालों का ईरानी कप का सूखा समाप्त किया है। बता दें, पहले इस मुकाबले का नतीजा ड्रॉ हुआ था लेकिन बाद में एक खास नियम के जरिए विजेता टीम की घोषणा की गई। लेकिन क्या है यह खास नियम जिसके जरिए ड्रॉ होने के बाद भी मुबंई की टीम को विजेता बना दिया गया? जानते हैं इस नियम के बारे में।
........!Presenting the winners of #IraniCup 2024 ! @IDFCFIRSTBank | @MumbaiCricAssoc pic.twitter.com/rbRhrth0iX— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) October 5, 2024
सरफराज ने खेली 222 रनों की नाबाद पारी
ईरानी कप एक मैच का मुकाबला होता है जिसमें एक ओर रणजी ट्रॉफी की चैंपियन टीम होती है। दूसरी ओर बाकी टीमों से चुने गए खिलाड़ि जिसे रेस्ट ऑफ इंडिया टीम कहते हैं। ईरानी कप के इस सीजन में रेस्ट ऑफ इंडिया टीम का सामना मुंबई की टीम से हुआ था। मैच की पहली पारी में मुंबई ने 537 रन बनाए थे। जिसमें बल्लेबाज सरफराज खान ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर 222 रनों की नाबाद पारी को अंजाम दिया और टीम को इतने बड़े स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भी 97 रनों की शानदार पारी खेली लेकिन वह अपन शतक पूर करने से पहले आउट होकर पवेलियन रवाना हो गए।
रेस्ट ऑफ इंडिया टीम के लिए अभिमन्यु ईश्वरन ने खेली 191 रनों की दमदार पारी
लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऋतुराज गायकवाड़ की अगुवाई वाली रेस्ट ऑफ इंडिया टीम के लिए अभिमन्यु ईश्वरन ने 191 रनों की दमदार पारी खेली। साथ ही बांग्लादेश टेस्ट छोड़ कप इस लीग में हिस्सा लेने आए ध्रुव जुरेल ने भी 93 रनों की कमाल की पारी को अंजाम दिया। लेकिन 416 रनों पर पूरी टीम सिमट गई। इसी के साथ मुंबई को दूसरी पारी में 121 रनों की लीड हासिल हो गई थी। दूसरी पारी के दौरान मुंबई के लिए बल्लेबाजी कर रहे तनुष कोटियान ने 114 रनों की नाबाद पारी खेली और टीम को 329 रनो तक पहुंचाया। इसके बाद मुंबई की टीम ने पारी घोषित करने का फैसला किया।
जीत के लिए 451 रनों की थी जरूरत
मुकाबले में जीत के लिए रेस्ट ऑफ इंडिया टीम को 451 रनों की जरूरत थी। लेकिन इस टारगेट तक पहुंचने के लिए उनके पास केवल एक पारी का समय शेष था। लिहाजा उन्हें विपक्षी टीम के साथ हाथ मिलाने के अलावा कोई चारा नहीं था। इसलिए उन्होंने खेल ड्रॉ करने का फैसला किया। लेकिन लोगों के जहन में यह सवाल होगा कि खेल ड्रॉ होने के बावजूद मुंबई की टीम विजेता कैसे घोषित हुई।
क्या है वह खास नियम?
दरअसल, ईरानी कप टूर्नामेंट में केवल एक मैच खेला जाता है। इस लीग के एक खास नियम के जरिए खेल के ड्रॉ होने के बाद विजेता की घोषणा होती है। इस नियम के मुताबिक अगर सीरीज का नतीजा ड्रॉ होता है तो पारी में जिस टीम के पास पहली पारी में लीड होगी वह टूर्नामेंट का विजेता माना जाएगा। ईरानी कप के इस सीजन की पहली पारी में रणजी चैंपियन मुंबई टीम के पास पहली पारी के समाप्त होने तक 121 रनों की लीड थी इसलिए मुंबई को विजेता घोषित किया गया।
27 सालों का सूखा समाप्त
टूर्नामेंट में जीत के साथ मुंबई के 27 सालों का ईरानी कप का सूखा समाप्त हुआ है। बता दें, मुंबई अंतिम बार इस टूर्नामेंट की ट्रॉफी को साल 1997-98 में अपने नाम किया था। हालांकि, इसके बाद कई बार मुंबई फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही लेकिन खिताबी जंग में उन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा था।