ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड राहत प्रदान करने के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय ने पहल की

ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड राहत प्रदान करने के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय ने पहल की

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-21 04:30 GMT
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शूलिनी विश्वविद्यालय ने बिस्तर, दवाएं, ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स तथा किसी भी संबंधित सहायता की आवश्यकता की पेशकश की

चंडीगढ़ और सोलन, भारत, 20 मई, 2021 /PRNewswire/ -- सोलन स्थित शूलिनी विश्वविद्यालय ने मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड रोगियों को चिकित्सा राहत प्रदान करने की पहल की है।

राहत में लगभग 100 बिस्तरों के प्रावधान के साथ-साथ आवश्यक चिकित्सा उपकरण जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर और कॉन्सनट्रेटर्स, वेंटिलेटर और अन्य आईसीयू सुविधाएं शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने करीब एक करोड़ रुपये की राहत राशि देने का लक्ष्य रखा है। और इस उद्देश्य के लिए पहले ही लगभग 75 लाख रुपये जेनरेट किये  जा चुके हैं तथा दवाओं और ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स की  खेप का एक हिस्सा पहले ही प्राप्त हो चुका है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री राजीव सैजल और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के परामर्श के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से धन का उपयोग किया जाना है।

इसके अलावा पहला योगानंद कोविड केयर सेंटर सुल्तानपुर गांव में स्थापित होने की प्रक्रिया में है, जिसमें 18 बेड की व्यवस्था है और जल्द ही कंडाघाट तहसील में एक अन्य केंद्र स्थापित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

इस परियोजना की परिकल्पना और क्रियान्वयन शूलिनी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा की गई, जिसमें इसके चांसलर प्रो पीके खोसला, फाउंडेशन फॉर लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट की प्रेसिडेंट श्रीमती सरोज खोसला, प्रो चांसलर श्री विशाल आनंद और वाइस चांसलर प्रोफेसर अतुल खोसला शामिल थे, जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से फंड को तैयार करने में योगदान दिया।

इस फंड को परोपकारी और सामाजिक कार्यकर्ताओं जैसे एनआरआई श्री राज खोसला, जिन्होंने 13 लाख रुपये का योगदान दिया और वर्धमान समूह, जिनके चेयरमैन श्री एसपी ओसवाल है, उन्होंने  पांच लाख रुपये का योगदान दिया। श्री राज खोसला ने इससे पहले विश्वविद्यालय परिसर में एक कैंसर रिसर्च सेंटर स्थापित करने के लिए  भी एक करोड़ रुपये का अनुदान दिया था। श्री रमेश सॉफ्टा और श्री ज्योति भूपेंद्र ने भी प्रत्येक को पांच लाख रुपये का योगदान दिया।

विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने भी एक दिन का वेतन कोष में दान करने की पेशकश की है। प्रोफेसर पी के खोसला ने नागरिकों से कोष में योगदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस धन का उपयोग जिम्मेदारी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समाज के गरीब और कमजोर वर्गों की मदद करने के लिए किया जाएगा।

वाइस चांसलर प्रोफेसर अतुल खोसला, जिन्होंने अपने संसाधनों का उपयोग ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों को व्यवस्थित करने के लिए किया, ने कहा कि विश्वविद्यालय अधिकारियों को जो भी सहायता की आवश्यकता होगी, प्रदान किए जाएगी । उन्होंने कहा कि कोविड मरीजों को विश्वविद्यालय एम्बुलेंस भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

वाइस चांसलर ने कहा कि यूनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर में कोविड मरीजों के लिए पूरी तरह से सुसज्जित 18 बेड तथा शूलिनी इंस्टीट्यूट फॉर लिबरल आर्ट्स एंड बिजनेस मैनेजमेंट (एसआईएलबी) में  भी इतने ही बेड उपलब्ध कराए जाएंगे.

हांलाकि विश्वविद्यालय परिसर वर्तमान में बंद है लेकिन छात्रों के लिए अपने ऑनलाइन शिक्षण मंच के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

Shoolini University के बारे में:

2009 में स्थापित Shoolini University एक अनुसंधान प्रेरित निजी विश्वविद्यालय है जिसे UGC से पूरी मान्यता प्राप्त है। एक अलाभकारी संगठन के रूप में भारत का यह अग्रणी विश्वविद्यालय, नवप्रवर्तन पर फोकस, गुणवत्तापरक नियोजन और विश्वस्तरीय फैकल्टी की वजह से जाना जाता है। हिमालय के निचले क्षेत्र में स्थित इस विश्वविद्यालय ने NAAC से मान्यता प्राप्त की है और इसे NIRF द्वारा रैंक दी गई है।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया देखें: https://shooliniuniversity.com/  

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