महिला आरक्षण बिल: लोकसभा से पास हुआ महिला आरक्षण बिल, पक्ष में 454 तो विरोध में 2 वोट पड़े, जानिए किसने किया विरोध?

  • लोकसभा से पास हुए महिला आरक्षण बिल
  • आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा ये विधेयक

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-21 03:09 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा से बीते दिन यानी बुधवार (20 सितंबर) को महिला आरक्षण बिल पास गया। बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में पीएम मोदी भी मौजूद रहे। अब ये बिल आज यानी गुरुवार (21 सितंबर) को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अगर राज्यसभा से ये बिल पास हो जाता है तो ये कानून का रूप ले लेगा।

नए संसद भवन में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया था। इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। लोकसभा में बुधवार को बिल पर करीब आठ घंटे तक बहस हुई और फिर वोटिंग के दौरान पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े थे। महिला आरक्षण के लिए वोटिंग, पर्चियों के द्वारा की गई।

बिल के विरोध में एआईएमआईएम

इस विधेयक का समर्थन कांग्रेस, सपा, डीएमके, टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों ने खुलकर किया। लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने इस विधेयक का विरोध किया। लोकसभा में ओवैसी को लेकर दो एआईएमआईएम के सदस्य हैं।

बिल पास होने पर पीएम मोदी ने विपक्षी दलों का जताया आभार

लोकसभा से बिल पास होने पर पीएम मोदी ने एक्स यानी ट्विटर पर बधाई देते हुए लिखा, "नारी शक्ति वंदन अधिनियम के साथ नए सदन की शानदार शुरुआत हुई है। इससे महिलाओं के नेतृत्व में विकास को अभूतपूर्व गति मिलने वाली है। इसे जिस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों का ऐतिहासिक समर्थन मिला है, वह विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में मील का पत्थर साबित होगा। मैं सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।"

महिला आरक्षण बिल पर 27 महिला सांसदो ने लोकसभा में अपनी रखी बात

बिल पास होने से पहले लोकसभा में इस विधेयक पर करीब आठ घंटे तक चर्चा हुई। जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी भाग लिया। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा की शुरुआत की थी। इसके अलावा राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा की, जिनमें 27 महिला सदस्य शामिल रहीं।

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