बीजेपी की 'हैट्रिक' जीत पर विपक्ष बनेगा रोड़ा? सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में होगी अहम बैठक
- सीएम नीतीश ने विपक्षी दलों को न्योता दिया
- पटना में 12 जून को होगी बैठक
- ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे नेता रहेंगे मौजूद
डिजिटल डेस्क, पटना। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का घेराव करने के लिए तमाम विपक्षी दल लामबंद नजर आ रहे हैं। विपक्ष को एकजुट करने की कवायद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कंधे पर उठाए हुए हैं। साल 2024 के आम चुनाव को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार हर दल से मुलाकात कर रहे हैं और उन्हें एक मंच पर लाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसी को देखते हुए नीतीश कुमार ने 12 जून को एक बैठक बुलाई है। जिसमें तमाम गैर बीजेपी राजनैतिक दलों को न्योता दिया है। जिसमें भाजपा के खिलाफ सभी दल मिलकर रणनीति बनाएंगे ताकि भगवा पार्टी को आम चुनाव में मात दी जा सके।
बता दें कि, नीतीश कुमार ने यह बैठक इसी महीने की 12 तारीख को पटना में रखी है। जिसमें एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) उद्धव ठाकरे, सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक होने वाली है। जिसमें तमाम विपक्षी दल भाजपा को घेरने के लिए मास्टर प्लान बनाने वाले हैं। हाल ही में नीतीश कुमार ने केजरीवाल, ममता बनर्जी, शरद पवार, हेमंत सोरेन, नवीन पटनायक और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। जहां पर तमाम नेताओं से बीजेपी के खिलाफ एकसाथ आने का आव्हान किया था।
संजय राउत ने क्या कहा?
पटना में 12 जून को होने वाली इस बैठक को लेकर आधिकारिक तौर पर विपक्ष की ओर से एक बयान सामने आया है। यह बयान शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत की ओर से आया है। उन्होंने नीतीश की विपक्षी एकता की बैठक की सराहना करते हुए कहा, "12 जून को नीतीश कुमार ने सभी बड़े नेताओं को जो भाजपा के साथ नहीं हैं और 2024 में परिवर्तन चाहते हैं उन सभी देशभक्त पार्टियों को निमंत्रण दिया है। उसमें उद्धव ठाकरे और पवार साहब भी हैं। मुझे लगता है हम पटना जाने के बारे में सोच रहे हैं।"
बीजेपी से नीतीश का मोह भंग
आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकता वाली कवायद बीजेपी से अलग होने के बाद से ही जगी है। पिछले साल अगस्त महीने में बीजेपी से अलग होकर नीतीश कुमार ने कांग्रेस और आरजेडी से मिलकर बिहार में सरकार बनाई थी। जिसके बाद से ही कुमार भाजपा को आड़े हाथों लेते रहे हैं। मीडिया से चर्चा के दौरान नीतीश कुमार कई दफा सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि, उनका एक ही उद्देश्य है केवल बीजेपी को हराना। साथ ही नीतीश कुमार यह भी दावा कर चुके हैं कि, भगवा पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में 100 सीटों पर भी जीत हासिल नहीं कर पाएगी।
बीजेपी का विपक्षी एकजुटता पर तंज
वहीं नीतीश कुमार की विपक्षी एकता को बीजेपी ने नौटंकी बताया है। बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार जो विपक्ष को एकजुट करने का बीड़ा उठाया है वो ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगा क्योंकि इनके विचार कभी मिलते ही नहीं है। विपक्ष एकजुट होकर लड़े ये लोकतंत्र की खूबसूरती है लेकिन जो कसम खा रखी है कि वो भाजपा को सत्ता से दूर कर देंगे तो वो सपना पूरा होने वाला नहीं है। दरअसल, नीतीश कुमार को बीजेपी इस बात पर भी घेरती रही है कि वो पीएम मोदी के सामने प्रधानमंत्री का फेस बनना चाहते हैं लेकिन सुशासन बाबू से बिहार तो संभलता नहीं देश की कमान संभालने की चाह रखे हुए हैं।
विपक्षी दल रोकेंगे बीजेपी की हैट्रिक?
हालांकि, 12 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक पर सबकी नजर टिकी हुई है। देखना दिलचस्प होगा कि जिन-जिन नेताओं को सीएम नीतीश ने बैठक में आने के लिए न्योता दिया है वो इसमें शरीक होते हैं या नहीं। अगर इस बैठक में तमाम विपक्षी दलों की मौजूदगी होती है तो कहना गलत नहीं होगा कि विपक्ष की ओर से मोदी सरकार को घेरने के लिए पूरे दल एक साथ हैं। सियासत के जानकरों का कहना है कि, अगर विपक्षी दल एक साथ आ जाते हैं तो बीजेपी की हैट्रिक वाली जीत पर घना कोहरा छा सकता है।