भास्कर एक्सक्लूसिव: मोहन यादव के बिहार दौरे के क्या हैं सियासी मायने, बिहार के यादवों के बहाने MP के करीब 90 लाख वोटर्स पर नजर!
- बिहार दौरे पर जाएंगे मुख्यमंत्री मोहन यादव
- बिहार के यादव वोटर पर बीजेपी की नजर
- यादव समाज के बड़े नेता के तौर मोहन यादव को स्थापित करना चाहती है बीजेपी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव 18 जनवरी को बिहार की राजधानी पटना जा रहे हैं। जहां वे कृष्ण भक्तों द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करने वाले हैं। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में यादव समाज के लोग और वरिष्ठ नेताओं के साथ रिटायर्ड अधिकारी और जज मौजूद रहेंगे। राजनीतिक गलियारों में मोहन यादव के बिहार दौरे को लेकर सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। साथ ही, इस यात्रा का असर मध्य प्रदेश के यादव समाज पर भी पड़ सकता है।
मोहन यादव का बिहार दौरा कई मायनों में खास है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले मोहन यादव के जरिए बीजेपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी के यादव वोट बैंक में सेंधमारी करने जा रही है। बीजेपी की कोशिश है कि मोहन यादव के जरिए बिहार का यादव वोट बैंक साधा जाए।
एमपी की सियासत पर पड़ेगा असर
कई चुनावी रणनीतिकार मानते हैं कि बीजेपी मोहन यादव को लोकसभा चुनाव से पहले यूपी बिहार में लगातार दौरा कराएगी। बीजेपी मोहन यादव को यादव समाज के बड़े नेताओं के तौर पर स्थापित करना चाहती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश में यादवों की आबादी 12 से 14 प्रतिशत के बीच है। ऐसे में अगर मोहन यादव यूपी, बिहार के यादवों को साधते हैं तो इससे उनकी छवि यादव समाज के बड़े नेता के तौर पर स्थापित होगी। जिसका असर मध्य प्रदेश की 80 से 90 लाख यादव समाज पर भी पड़ेगा।
बीजेपी की रणनीति
बता दें कि, बिहार में यादव समाज आरजेडी का कोर वोट बैंक माना जाता है। पिछले साल बिहार में हुई जाति जनगणना के मुताबिक, राज्य में यादवों की संख्या 14.26 फीसदी से ज्यादा है। ये वोटर राज्य के किसी भी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले मोहन यादव को लगातार बिहार के दौरे पर भेज सकती है। ताकि, लालू यादव के वोटबैंक को प्रभावित किया जा सके। मोहन यादव को एमपी का मुख्यमंत्री बनाया जाना भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, मोहन यादव के इस दौरे का असर क्या पड़ेगा यह लोकसभा चुनाव के नतीजे से पता चलेगा।