संसद सत्र: 31 सांसदों वाली जेपीसी को भेजा वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक, कमेटी में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल
- सदन में मचा हडकंप
- शीतकालीन सत्र में हो सकता है पेश
- अगले सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक का समय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंन्द्र की एनडीए सरकार ने 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक में बदलाव के लिए एक संशोधन विधेयक पेश किया था। इस बदलाव को लेकर विपक्षी नेताओं ने सदन में काफी हंगामा किया। इसके बाद सत्तापक्ष की ओर से अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने संशोधन बिल पर विस्तार से समझाया। उन्होंने तर्कों के साथ उदाहरण देते हुए कहा, क्यों इस वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव करना जरूरी है।
आपको बता दें केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल को आसानी से पास करा सकती थी। लेकिन अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजेजू नेअचानक से बिल को संसद की संयुक्त कमेटी यानि जेपीसी को भेजने का फैसला किया। आज जेपीसी की घोषणा कर दी है, जिसमें 31 सदस्य शामिल है। लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्यों का कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
लोकसभा के 21 सदस्यों में जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, अभिजीत गंगोपाध्याय, डीके अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, मोहिबुल्ला, कल्याण बनर्जी, ए राजा, कृष्णा अलावरु, दिलेश्वर कामत, अरविन्द सावंत, सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपति, अरुण भारती और असदुद्दीन औवेसी शामिल हैं। जबकि राज्यसभा के 10 सदस्यों में बृजलाल, डॉ मेधा कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधा मोहन अग्रवाल, मोहम्मद नदीम हक, नासिर हुसैन, विजय साई रेड्डी, एम मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह और डॉ वीरेंद्र हेज शामिल हैं।
आपको बता दें इस विधेयक को लेकर एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने डिवीजन की मांग की। विपक्षी दलों ने विधेयक को लेकर जमकर विरोध किया था। विरोध और हंगामे के चलते सरकार ने इसे जेपीसी को भेज दिया।
समिति को अगले सत्र के पहले हफ्ते के आखिरी दिन तक रिपोर्ट देने का समय दिया गया है। यानि ये विधेयक शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है। सरकार इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में पेश कर सकती है। ऐसा इसलिए है कि उस वक्त तक बीजेपी की ताकत राज्यसभा में काफी बढ़ जाएगी, ऐसे में सरकार को बिल को पास कराने में कोई परेशानी नहीं आएगी।