मणिपुर को अस्थिर करने वाले विदेशी लोगों के कारण राज्य में हिंसा : एन बीरेन सिंह

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  • मणिपुर हिंसा को लेकर सीएम बीरेन का बड़ा बयान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-15 11:15 GMT

डिजिटल डेस्क,इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंगलवार को कहा कि कुछ गलतफहमी, निहित स्वार्थों और राज्य को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे विदेशी नागरिकों की साजिशों के कारण व्यापक हिंसा हुई है। जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और संपत्ति का भी नुकसान हुआ है।

प्रथम बटालियन मणिपुर राइफल्स ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में तिरंगा फहराने के बाद एन बीरेन सिंह ने कहा, “हमें सद्भाव के साथ रहना होगा, क्योंकि हम सभी कई दशकों से एक साथ रहते हैं। हिंसा में सौ से अधिक लोग मारे गए, हजारों लोग बेघर हो गए और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति भी नष्ट हो गई।" "हिंसा से कोई विकास नहीं होगा। यदि समुदायों के बीच कोई गलतफहमी है तो हम मेज पर बैठ सकते हैं। सभी कमियों पर चर्चा कर सकते हैं। इसके लिए हमारा दरवाजा हमेशा खुला है।"

समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय और समानता को लेकर प्रयास जारी रखने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सभी लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। लोगों के सर्वांगीण विकास और सशक्तिकरण के लिए अथक प्रयास कर रही है। राज्य सरकार हिंसा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए लगातार काम कर रही है।" "जिन लोगों को अब उनके मूल गांवों में नहीं ले जाया जा सकता है, उन्हें विभिन्न जिलों में बनाए जा रहे पूर्वनिर्मित घरों में अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया जाएगा।"

सभी को "माफ करो और भूल जाओ" मंत्र को बनाए रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि "एक परिवार, एक आजीविका" की परियोजना प्रदान करने और लोगों के पुनर्वास के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। यह चौबीसों घंटे काम कर रही है। उन्होंने दोहराया कि नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध किसी विशेष समुदाय या व्यक्तियों को लक्ष्य करके नहीं चलाया गया था। यह युवाओं के जीवन को बचाने और राज्य और देश की रक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब अवैध पोस्त की खेती के लिए बड़े पैमाने पर वनों की कटाई शुरू की गई तो सरकार लकड़ी की गुड़िया या मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकती थी। उन्होंने कहा कि अवैध नशीली दवाओं के कारोबार को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने लोगों की भलाई के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। "देश में नशीले पदार्शों और अवैध व्यापार के खिलाफ मणिपुर गोल्डन ट्राइएंगल का प्रवेश द्वार है। अवैध पोस्त की खेती के लिए बड़े पैमाने पर वनों की कटाई ने राज्य के पर्यावरण और जल संसाधनों को भी प्रभावित किया है।"

उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तरह, नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध 2018 के आखिरी भाग के दौरान शुरू किया गया था। नशीली दवाओं के खतरे से राज्य में एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हो रहे थे, खासकर युवा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में मणिपुर में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास और सभी समुदायों के लोगों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है। “पिछले छह वर्षों से विभिन्न समुदायों के बीच कोई संघर्ष, बंद और नाकेबंदी नहीं हुई है। राज्य-केंद्र दोनों सरकारों ने राज्य के विकास के लिए अतिरिक्त धन आवंटित किया है।” बता दें कि राज्य के पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में विभिन्न समारोहों और कार्यक्रमों के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया।

स्वतंत्रता दिवस समारोह का बहिष्कार :-

स्वतंत्रता दिवस के बहिष्कार के आह्वान और सात उग्रवादी संगठनों के शीर्ष निकाय कॉरकॉम के 17 घंटे के सामान्य बंद के बावजूद दोपहर तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। एक बयान में कॉरकॉम ने कहा "15 अक्टूबर 1949 को मणिपुर के भारतीय विलय के साथ मणिपुर की राजनीतिक स्थिति में अचानक गिरावट आई, जिससे संप्रभु मणिपुर को केवल एक चीफ कमिश्नर के प्रांत में बदल दिया गया।" कॉरकॉम में कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी, कांगलेई यावोल कन्ना लुप, पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (प्रीपक), प्रीपाक-प्रो, रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट उग्रवादी संगठन शामिल हैं।

आईएएनएस

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