गैंगस्टर मामला: 14 साल पुराने मामले में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ीं, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

  • हाईकोर्ट ने भी नहीं दी थी राहत
  • वाराणसी की MP-MLA कोर्ट में चल रहा केस का ट्रायल
  • 2010 में वाराणसी में दर्ज गैंगस्टर एक्ट केस

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-25 08:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ल। सुप्रीम कोर्ट से 14 साल पुराने गैंगस्टर मामले में उत्तरप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं हैं। शीर्ष कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार 25 जून 2024 को इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। आपको बता दें 2010 में वाराणसी में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। सुको ने किसी भी प्रकार से राहत देने से मना करते हुए यूपी सरकार को नोटिस दिया है साथ ही मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।  

वाराणसी की MP-MLA विशेष कोर्ट में चल रहा केस का ट्रायल

आपको बता दें मामला का ट्रायल वाराणसी की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की याचिका में ट्रायल कोर्ट में चल रही प्रोसिडिंग को रद्द करने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा है कि याची के खिलाफ 27 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है। कोर्ट ने कहा की ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को रद्द करने का कोई ठोस आधार नहीं है।

आपको बता दें 2010 में यूपी की तत्कालीन मायावती सरकार ने अजय राय के खिलाफ मारपीट और उपद्रव से जुड़े एक मामले में गैंगस्टर एक्ट की धारा के तहर मामला दर्ज हुआ था। सुको से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कह कर इस केस को रद्द करने से मना कर दिया था कि अजय राय पर 27 आपराधिक केस दर्ज हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट से खारिज होने के  बाद वह सुप्रीम कोर्ट गए थे।

पूरा मामला क्या है?

14 साल पहले 2010 में वाराणसी के चेतगंज थाने में कांग्रेस नेता अजय राय और चार अन्य के खिलाफ कई आपराधिक धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज हुई थी। एफआईआर आईपीसी की धारा 147, 148, 448, 511, 323,504, 506, 120 बी और सेक्शन 7 आफ क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट, और सेक्शन 3(1) यूपी गैंगस्टर एक्ट एंड एंटी सोशल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट के तहत दर्ज हुई थी। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करने के बाद 28 अक्टूबर 2011 को कोर्ट में चार्जशीट पेश की।

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