एनसीपी और शिवसेना के दो फाड़ से बीजेपी को फायदा ही फायदा, लोकसभा चुनाव से पहले अजित पवार ने महाराष्ट्र में मोदी सरकार के हक में किया फैसला

लोकसभा चुनाव से पहले अजित पवार ने बीजेपी के हक किया फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-02 17:55 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एनसीपी नेता शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रविवार को महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया। उन्होंने एनसीपी के कई विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार को समर्थन देकर बीजेपी का काम महाराष्ट्र में आसान कर दिया है। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी इस राज्य में कमजोर दिख दे रही थी। लेकिन अजित पवार और उनकी गुट ने एनडीए गठबंधन में शामिल होकर बीजेपी को मजबूत करने का काम किया है। अजित पवार के नए डिप्टी सीएम बनने के बाद खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस नए गठजोड़ को तीन इंजन वाली सरकार घोषित कर दिया। नवनिवार्चित डिप्टी सीएम अजित पवार को एनडीए गठबंधन में स्वागत करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि अब उनकी सरकार को ट्रिपल इंजन मिल गया है। 

रविवार को महाराष्ट्र में हुई सियासी उलटफेर का फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को केंद्र की सियासत में मिलेगा। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में यह सियासी भूचाल कई मायनों में यह बीजेपी के पाले में रहा। अजित पवार ने बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन में शामिल होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी राहत दी है।आइए समझने की कोशिश करते हैं कि एनसीपी की इस टूट से बीजेपी को लोकसभा चुनाव में किस कदर फायदा होगा। 

बीजेपी को अजित पवार से हुआ फायदा

48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में एनसीपी की अच्छी खासी पकड़ है। एनसीपी चीफ शरद पवार को विपक्षी दलों के संभावित महागठबंधन का सूत्रधार के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन उससे पहले अजित पवार ने उनके सियासी अस्तिव को लेकर भी खतरा पैदा कर दिया है। लेकिन सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज है कि अगर किसी तरह लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष एक साथ आने में कामयाब रहती है तो इससे बीजेपी को बहुत हद तक नुकसान होना लगभग तय है। 

पहले शिवसेना दो धड़ों में अलग होकर उसका एक धड़ यानी शिंदे गुट एनडीए के साथ आई। अब अजित पवार ने एनसीपी को दो फाड़ कर पार्टी के कई विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस गुट में शामिल होकर महाराष्ट्र में बीजेपी के ताकत को बढ़ाने का काम किया है। इसलिए भी अजित पवार की बगावत को बीजेपी के लिए फायदे के तौर पर देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में सीटों के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। अब यहां पर शिवसेना और एनसीपी के दो फाड़ होने से बीजेपी को फायदा मिलना तय माना जा रहा है। क्योंकि अब इन दोनों पार्टियों के नेता ने जनता को कंफ्यूज करने का काम किया है। अब जनता परेशान होगी कि अगले साल लोकसभा चुनाव में वह शिवसेना और एनसीपी के किस गुट का साथ दें। साथ ही अब इन दोनों पार्टियों के नेताओं के सामने खुद के अस्तिव को भी बचाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। 

महाराष्ट्र में विपक्ष को लेकर बोले सीएम शिंदे

अजित पवार के एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा, " कैबिनेट में सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए अभी बहुत समय बाकी है। विकास के मुद्दे पर हम लोग साथ में आए हैं। लोकसभा चुनाव में पिछली बार उन्हें (विपक्ष) 4-5 सीटें मिली थीं, इस बार उतनी भी मिल पाएं तो बहुत हैं। 

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