चंद्रयान मिशन में छिपे हैं जीवन की सफलता के सूत्र : राष्ट्रपति

'चंद्रयान मिशन में छिपे हैं जीवन की सफलता के सूत्र'

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-01 18:20 GMT

डिजिटल डेस्क, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने और विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान करने पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चंद्रयान मिशन के माध्यम से जीवन की सफलताओं के सूत्र बताए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत के चंद्रयान ने चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग की। इस पर सालों से निष्ठापूर्वक काम होता रहा। मार्ग में रुकावटें आती रहीं लेकिन हम रुके नहीं। ऐसा व्यक्तिगत जीवन में भी होता है। निरंतर दक्षता के साथ परिश्रम करते रहें तात्कालिक सफलता से कभी हताश न हो, चुनौतियां हमारे जीवन में आती हैं तो नये मौके भी लाती हैं।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर 2,946 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की। समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। जय जोहार के साथ अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारा तिरंगा चांद पर पहुंच चुका है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि का विषय है। इस उपलब्धि को किस तरह वैज्ञानिकों ने प्राप्त किया, इस संबंध में विश्वविद्यालय में आयोजन होने चाहिए ताकि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण यानी साइंटिफिक टेंपर का निर्माण हो सके। यह संविधान के मूल कर्तव्यों में शामिल है। मुझे खुशी है कि इस विश्वविद्यालय में आधुनिक प्रयोगशालाएं हैं।

यहां ऐक्सलरेटर आधारित रिसर्च सेंटर भी स्थापित की गई है। अपने अनुसंधान से यह विश्वविद्यालय दुनिया में अपनी पहचान बनाएं, जो देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अपनाने में आगे रहेंगे, वे ज्यादा तरक्की करेंगे। हमारे स्पेस मिशन में हमें दुनिया से कुछ असहयोग का सामना भी करना पड़ा, फिर भी हम दृढ़ता से बढ़ते रहे। राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसका नाम गुरु घासीदास के नाम पर है। उन्होंने मनखे मनखे एक समान का संदेश दिया। गुरु घासीदास ने समानता का संदेश दिया। समानता के आदर्शों पर चलकर ही युवा सुख के रास्ते पर चल सकते हैं और सभ्य समाज का निर्माण कर सकते हैं। इस मौके पर राष्ट्रपति ने स्वामी विवेकानंद को भी याद किया।

उन्होंने कहा कि रायपुर का हवाईअड्डा स्वामी विवेकानंद के नाम पर है। वे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ खेलकूद को भी महत्व देते थे। स्वामी जी ने शिकागो में भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता का विश्वघोष किया था। उस समय भारत में गुलामी की मानसिकता अपने चरम पर थी। एशिया के लोग हीनता की भावना से ग्रस्त थे। ऐसे वातावरण में विवेकानंद ने भारत का नाम बढ़ाया। युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेनी चाहिए। विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय काफी है। राज्य की एक तिहाई आबादी जनजातीय है। जनजातीय समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और महिलाओं की भागीदारी जैसे विषय बहुत महत्वपूर्ण है।

विश्वविद्यालय द्वारा इस संबंध में अच्छा कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर अपने संबोधन में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह एक गरिमामय समारोह है जो आपकी कड़ी मेहनत को मान्यता देता है और साथ ही आपके लिए एक जिम्मेदारी भी लेकर आता है। आपको जीवन के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने के साथ-साथ नई चीजें सीखने के कई अवसर मिलेंगे। इस चरण के दौरान आप मूल्यों को आत्मसात करेंगे और क्षमताओं का विकास करेंगे। शिक्षा हमें संस्कारित तो बनाती ही है, अनुशासित भी बनाती है। यह हमें समाज में पद, धन और प्रतिष्ठा दिलाने में भी मदद करती है। जब आप इन चीजों को हासिल करते हैं, तो इसके साथ ही यह एक इंसान के रूप में विकसित होने में भी मदद करती है।

वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आप सभी प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं ने अपने कठोर परिश्रम और अनुशासन के बल पर स्वयं को उपाधियों एवं स्वर्ण पदकों हेतु योग्य सिद्ध किया है। यह विश्वविद्यालय हमेशा ज्ञान का प्रकाश रहा है। हमारा प्रदेश हमेशा समृद्ध रहा है। यहां पुरखों के आशीर्वाद से उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों पर हमारा प्रदेश आगे बढ़ रहा है। हमारे यहां प्रचुर संसाधन हैं, समृद्ध जैव विविधता है, सघन वन हैं, सुंदर प्रकृति है, सुंदर जनजीवन है, उत्कृष्ट मानवीय मूल्य हैं। हम युवाओं को लगातार आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हमने 42 हजार पदों पर भर्ती की। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के जरिए हमने रोजगार, स्व-रोजगार और उद्यम दिए हैं।

हम बेरोजगारी भत्ता भी प्रदान कर रहे हैं, ताकि युवाओं को आर्थिक मजबूती मिल सके और वे अच्छे भविष्य की तैयारी कर सके। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर गुरु घासीदास जी का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि मनखे मनखे एक समान का संदेश देकर उन्होंने समतामूलक समाज के लिए कार्य किया।

 (आईएएनएस)

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