राजनीति के नियम: निर्दलीय सांसद पर एनडीए-इंडिया की नजर, जानिए किन नियमों के तहत किसी दल में शामिल हो सकते हैं निर्दलीय सांसद या विधायक
- चुनाव में निर्दलीय सांसद रखते है खास महत्व
- एनडीए और इंडिया गठबंधन की इन पर नजर
- जानिए निर्दलीय सांसद से जुड़े नियम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में कई राजनीतिक पार्टी के कैंडिडेट्स ने जीत हासिल कर 543 लोकसभा सीटों पर अपनी जगह बनाई है। इस बार के चुनाव में 7 निर्दलीय सांसद सदन तक पहुंचे हैं। किसी भी चुनाव में निर्दलीय बिना किसी पार्टी का समर्थन प्राप्त कर अपने दम पर चुनाव लड़ते हैं। हालांकि, निर्दलीय सांसद के पास यह अधिकार भी होता है कि वह किसी भी पार्टी को अपना समर्थन दे सकते हैं। आइए जानते हैं निर्दलीय सांसद किसी भी पार्टी को कैसे समर्थन देस सकतें और संविधान में इसके बारे में क्या बताया गया है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे
भारत में लोकसभा चुनाव जनता द्वारा किया जाता है। इसमें 543 लोकसभा सीटों पर जनता अपने उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालते हैं। 18वीं लोकसभा चुनाव में गुजरात की सूरत सीट पर भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल ने निर्विरोध चुनाव जीता था। जिसके बाद लोकसभा सीटों की कुल संख्या 542 हो गई थी। इन्हीं सीटों पर लोकसभा चुनाव सात चरणों में पूरा हुआ था। 4 जून को निर्वाचन आयोग की ओर से जारी चुनाव के नतीजों में भाजपा ने 240, कांग्रेस ने 99, समाजवादी पार्टी ने 37 और तृणमूल कांग्रेस ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि, डीएमके ने 22, टीडीपी ने 16, जेडी (यू) ने 12, शिवसेना (उद्धव गुट) ने 9, एनसीपी (शरद गुट) ने 8, शिवसेना (शिंदे गुट) ने 7 और एनसीपी (अजीत गुट) ने 1 सीट पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 5, वाईएसआरसीपी ने 4, आरजेडी ने 4 और सीपीआई (एम) ने 4 सीटे जीती। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने 3, आम आदमी पार्टी ने 3, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 3, जनसेना पार्टी और सीपीआई (एमएल) (एल) 2 सीटों पर जीत दर्ज की। जेडी (एस) 2, विदुथलाई चिरूथैगल काची 2, सीपीआई 2, आरएलडी 2 और नेशनल कॉन्फरेंस 2 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी, लिबरल ने 1, असम गण परिषद ने 1, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने 1, केरल कांग्रेस ने 1 और वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी 1 ने एक सीट जीती। इसके बाद जोराम पीपुल्स मूवमेंट ने 1, शिरोमणि अकाली दल ने 1, राष्ट्रीय लोकतंत्र पार्टी ने 1, भारत आदिवासी पार्टी ने 1, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 1, मरूमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम 1, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) 1, अपना दल (सोनीलाल) 1, आजसू पार्टी 1, एआईएमआईएम 1 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
इन सीटों पर निर्दलीय सांसदों ने जीत चुनाव
लद्दाख सीट
इस सीट पर मोहम्मद हनीफा ने निर्दलीय चुनाव जीता है।
बारामूला सीट
यहां पर निर्दलीय कैंडिडेट इंजीनियर अब्दुल राशिद शेख ने जीत हासिल की है।
खडूर साहिब सीट
वारिस पंजाब दे संगठन प्रमुख और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने निर्दलीय जीत दर्ज की है।
दमन और दीव सीट
इस सीट पर उमेशभाई बाबूभाई पटेल ने चुनाव में जीत हासिल की है।
सांगली सीट
महाराष्ट्र की सांगली संसदीय क्षेत्र से यविशाल प्रकाशबाबू पाटिल ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की है।
फरीदकोट सीट
पंजाब की इस सीट पर सरबजीत सिंह खालसा ने निर्दलीय चुनाव जीता है।
पूर्णिया सीट
बिहार की इस सीट से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जीत हासिल की।
निर्दलीय सांसद कैसे देते हैं समर्थन?
संविधान के नियमों में निर्दलीय सांसदों के बारे में उल्लेख किया गया है। जिसके तहत एक निर्दलीय सांसद के पास यह अधिकारी होता है कि वह अन्य किसी भी पार्टी को अपना समर्थन दे सकता है। इसके अलावा निर्दलीय सांसद एक पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में जा सकते हैं। महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा सीट से निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर जीते विशाल प्रकाश बाबू पाटिल ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। इसके बाद कांग्रेस की सीटों का आंकड़ा 100 हो गया है।