लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव में 400 पार का गणित है काफी पुराना, 30 साल पहले कांग्रेस बना चुकी है ये रिकॉर्ड

  • पीएम मोदी ने बजट सत्र में दिया अभिभाषण
  • 400 पार का गणित है काफी पुराना
  • कांग्रेस ने बनाया था ये रिकॉर्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-06 16:47 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  सोमवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के नेताओं और आगामी चुनाव में भाजपा की जीत को लेकर चर्चा की थी। लोकसभा में जब पीएम मोदी ने कहा कि अबकी बार तब संदन में उपस्थित सत्तादल के नेताओं ने एकसुर में जवाब दिया 400 पार। इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में 370 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करेगी। इसके अलावा उन्होंने एनडीए को 400 से ज्यादा सीटें जीतने की बात कही थी। मगर, क्या आप जानते हैं कि देश में लोकसभा चुनाव में पहले भी 400 के पार की जीत देखने को मिली थी। दरअसल, साल 1984 में कांग्रेस ने 404 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। जो, भारत में चुनाव के इतिहास में जीत का सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना जाता है।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे चुनाव

भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में आम चुनाव हुए थे। जिसके चलते देशभर में कांग्रेस पार्टी और राजीव गांधी के प्रति संवेदना की लहर देखी जा रही थी। ऐसे में कांग्रेस ने चुनाव में लैंडस्लाइड जीत हासिल की थी। जिसमें कुल 514 सीटों में से कांग्रेस के खाते में 404 सीटें पाले में आई थी। उस दौरान, देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी 'तेलुगू देशम' ने चुनाव में 30 सीटें पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, हैरानी की बात यह है कि साल 1984 में हुए इस चुनाव के 30 साल यानी 2014 तक एक भी पार्टी पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं कर पाई थी।

इन प्रदेशों में कांग्रेस ने दर्ज की थी शानदार जीत

साल 1984 के चुनाव में यदि कांग्रेस की जीत के आकड़ों को प्रदेश के हिसाब से देखते हैं। तो इसमें पार्टी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने यूपी में 85 में से 83, बिहार में 54 में से 48, हरियाणा में 10 में से 10 और राजस्थान में 25 सीटों पर शानदार जीत अपने नाम दर्ज की थी। वहीं, दक्षिणी राज्यों में भी कांग्रेस ने कर्नाटक की 28 में से 24, केरल में 20 में से 13, तमिलनाडु में 39 में से 25 सीटें हासिल की थी। वहीं, आंध्र की 42 में से 30, गुजरात की 26 में से 24, मध्यप्रदेश में 40 और महाराष्ट्र में 48 में से 43 सीटें भी जीती थी। इन राज्यों दमदार जीत के बावजूद, कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में हार का सामना करन पड़ा था। बंगाल की सीपीआई पार्टी ने 42 सीटों में से 18 सीटें पर जीत हासिल की थी। ऐसे में कांग्रेस केवल 16 सीटें ही जीत पाई थी। इस चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस का बंगाल से सबसे कमजोर प्रदर्शन साबित हुआ था।

उस दौरान, देश की राजनीति में नई पार्टी के रूप में आई भाजपा ने 244 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार था। मगर, पार्टी सिर्फ 2 सीटें ही जीत पाई थी। इसके अलावा आंध्र प्रदेश की हनमकोंड सीट से सी. जंगा रेड्डी ने पीवी नरसिंहराव को हराया था। गुजरात की मेहसाणा सीटे से एके पटेल नले को जीत मिली थी। उस समय में भाजपा के करीब 50 प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्त कर ली गई थी। ऐसे में वोट शेयर भी 7.74 प्रतिशत के आसपास था।   

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