Karnataka: स्वास्थ्य मंत्री राव ने सावरकर को बताया कट्टरपंथी, कट्टरवाद को बढ़ावा देने में जुटे आरएसएस, हिंदू महासभा और दक्षिणपंथी समूह

  • अली जिन्ना पर भी बोला हमला
  • दक्षिणपंथी समूह कट्टरवाद को बढ़ावा देने में जुटे
  • सावरकर ने गोडसे की सोच को प्रभावित किया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-03 05:04 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक के हेल्थ मिनिस्टर दिनेश गुंडू राव ने विनायक सावरकर को कट्टरपंथी विचारधारा वाला बताया। राव ने कहा सावरकर की विचारधारा भारतीय संस्कृति से काफी डिफरेंट थी। उन्होंने सावरकर को राष्ट्रवादी बताते हुए आगे कहा देश में सावरकर के तर्क की नहीं बल्कि महात्मा गांधी की जीत होनी चाहिए। ये सब बातें उन्होंने एक पुस्तक के विमोचन के दौरान कही थी।

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के अवसर पर एक किताब के कन्नड़ संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में ये सब बातें कही। उन्होंने बाद में सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा जागृति कर्नाटक और अहर्निश प्रकाशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रसिद्ध पत्रकार धीरेंद्र के. झा द्वारा लिखित पुस्तक "गांधी का हत्यारा: नाथूराम गोडसे का निर्माण और भारत के बारे में उनका विचार" के कन्नड़ संस्करण का विमोचन किया।

मैं पुस्तक का सावधानीपूर्वक अनुवाद करने के लिए प्रसिद्ध स्तंभकार ए. नारायण और पत्रकार मनोज कुमार गुड्डी के प्रयासों की सराहना करता हूँ। यह पुस्तक महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की मानसिकता और उस दुखद क्षण के आसपास की घटनाओं का एक अच्छी तरह से प्रलेखित विवरण प्रस्तुत करती है। यह इस बात की भी पड़ताल करती है कि सावरकर ने गोडसे की सोच को कैसे प्रभावित किया। लोकतंत्र में गांधीजी का विश्वास सावरकर की विचारधारा के बढ़ते प्रभाव और आज के कट्टरवाद की बढ़ती लहर के लिए एक शक्तिशाली प्रतिकार के रूप में खड़ा है।

स्वास्थ्य मंत्री राव ने कहा कि आरएसएस, हिंदू महासभा और अन्य दक्षिणपंथी समूह कट्टरवाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को इसे समझने के लिए सामाजिक और राजनीतिक रूप से जागरूक होने की जरूरत है। राव ने सावरकर को मांसाहारी बताया। उन्होंने कहा सावरकर गोहत्या के खिलाफ नहीं थे। महात्मा गांधी को लेकर उन्होंने कहा कि गांधी हिंदू धर्म में बहुत विश्वास रखते थे और उसमें वे रूढ़िवादी थे, लेकिन उनके कार्य अलग थे ,वे लोकतांत्रिक तरीकों मे विश्वास करते थे।

स्वास्थ्य मंत्री ने मोहम्मद अली जिन्ना पर भी निशाना साधते हुआ जिन्ना को कट्टर इस्लामी बताया। कट्टर इस्लामी होने के बावजूद जिन्ना सूअर का मांस खाते थे। उन्होंने कहा जिन्ना एक कट्टरपंथी नहीं थे वो सिर्फ सरकार में एक उच्च पद पर रहना चाहते थे और एक अलग देश की मांग की थी। 

Tags:    

Similar News