हिमाचल प्रदेश: अयोग्य ठहराये गए 6 विधायकों की याचिका पर 18 मार्च को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
- क्रॉस वोटिंग के चलते राज्यसभा चुनाव हारे कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी
- सदन की प्रभावी सदस्य संख्या 68 से घटकर 62
- कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चलते अयोग्य ठहराए गए 6 कांग्रेस विधायक के मामले की सुप्रीम कोर्ट 18 मार्च को सुनवाई करेगा। कांग्रेस के छह बागी विधायकों ने विधानसभा से अयोग्य ठहराये जाने के खिलाफ सुको में याचिका लगाई हुई है। जिस पर पर 18 मार्च को सुनवायई होनी है। आपको बता दें हिमाचल प्रदेश में हाल के राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ हुई थी।
अयोग्य ठहराए गए छह बागी विधायकों में सुधीर शर्मा, चेतन्य शर्मा, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, देविंदर कुमार भुट्टू, रवि ठाकुर शामिल हैं। कांग्रेस के व्हिप का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कांग्रेस के व्हिप के मुताबिक उन्हें सदन में उपस्थित रहने और बजट के पक्ष में मतदान करने को कहा था।
आपको बता दें हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में छह बागी कांग्रेस विधायकों ने ‘क्रॉस वोटिंग’ करते हुए बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में वोट दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी क्रॉस वोटिंग के चलते राज्यसभा चुनाव हार गए थे। विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने पार्टी व्हिप की ‘अवहेलना’ करने के लिए कांग्रेस की याचिका पर छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
बागी विधायकों की ओर से शीर्ष अदालत में लगी याचिका में विधानसभा अध्यक्ष पठानिया के साथ-साथ राज्य के संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान को भी पक्षकार बनाया है। बाद में बजट पर मतदान के दौरान भी गैरमौजूद रहे थे। इन विधायकों की अयोग्यता के बाद सदन की प्रभावी सदस्य संख्या 68 से घटकर 62 हो गई है, जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है।