शराब नीति केस: तीन जजों की बेंच की सुनवाई तक अरविंद केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत, लेकिन रिहाई मुश्किल
- दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग
- दिल्ली हाईकोर्ट के 9 अप्रैल के आदेश को दी थी चुनौती
- हाईकोर्ट आदेश में गिरफ्तारी को रखा गया था बरकरार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने ईडी मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ी बेंच की सुनवाई तक अंतरिम जमानत मिली है। केजरीवाल को भले ही राहत मिल गई हो लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आएंगे ।आपको बता दें केजरीवाल का मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी। इस मामले में चीफ जस्टिस तीन जज नियुक्त करेंगे. बड़ी बेंच के पास मामले की सुनवाई तक केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है।प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेज दिया है। pic.twitter.com/0AjojNyFDV— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 12, 2024
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने पर उनके वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने आज अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है और धारा 19 और गिरफ्तारी की आवश्यकता के मुद्दे को एक बड़ी बेंच को भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल हिरासत में ही रहेंगे क्योंकि CBI मामले में उनकी जमानत अभी भी लंबित है।
दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सर्वोच्च अदालत आज शुक्रवार को सुनवाई हुई। जिसमें अरविंद केजरीवाल को फौरी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को तीन जजों की बेंच की सुनवाई तक अंतरिम जमानत दे दी है। इसके बाद भी अरविंद केजरीवाल की रिहाई मुश्किल होगी। असल में केजरीवाल को ये जमानत ईडी के केस के मामले में मिली है जबकि वो अभी सीबीआई की कस्टडी में है।
मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई का कहना है सॉलिसिटर जनरल द्वारा पहले दिया गया बयान केजरीवाल को छोड़कर मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों से संबंधित था। इससे पहले 4 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया था कि जांच पूरी हो जाएगी और अंतिम शिकायत और आरोप पत्र जल्द से जल्द और किसी भी स्थिति में 3 जुलाई, 2024 को या उससे पहले दायर किया जाएगा और उसके तुरंत बाद ट्रायल कोर्ट ट्रायल के साथ आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र होगा।
आपको बता दें सीबीआई वकील ने आगे कहा कि हम शीर्ष अदालत को 4 जून के बाद हुए कुछ नए घटनाक्रमों के बारे में जानकारी देंगे, जिसके कारण हमें अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना पड़ा। सीबीआई ने पिछले सप्ताह स्पष्ट किया था कि अन्य सभी आरोपियों की भूमिकाओं की जांच पूरी हो गई है और आबकारी नीति मामले के संबंध में केवल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की जांच की जा रही है।