चुनाव और भाषण: सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज की मोदी, ठाकुर के खिलाफ दायर नफरती भाषण देने वाली याचिकाएं

  • नफरती भाषण देने के खिलाफ लगी याचिका खारिज
  • नफरती भाषणों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग
  • दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुको से भी झटका

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-14 13:51 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से नफरती भाषण देने के खिलाफ लगी याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में बीजेपी नेताओं की ओर से लोकसभा चुनाव 2024 में अप्रैल-मई के दौरान दिए गए नफरती भाषणों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। सुको ने कथित तौर पर नफरती भाषण देने के खिलाफ लगी याचिकाओं पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी, याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने डॉ. इमानी अनंत सत्यनारायण सरमा और अन्य की याचिकाएं खारिज करते हुए कहा वह इस मामले में सुनवाई करने के इच्छुक नहीं है।

याचिकाकर्ताओं का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने सर्वोच्च अदालत से याचिका पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करते हुए पहले कहा था कि निर्वाचन आयोग इस मामले में अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है। इस पर सुनवाई कर रही बेंच ने शुरुआत में ही साफ कर दिया कि वह इस मामले में कोर्ट हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है।

इसके बाद अधिवक्ता हेगड़े ने पीठ के समक्ष दलील देते हुए कहा न्यायालय कम से कम यह स्पष्ट कर सकती है कि केवल ‘इस स्तर पर’ वह याचिका पर विचार नहीं कर रही है। शीर्ष अदालत ने उनकी यह दलील भी ठुकरा दी और आदेश में 'इस स्तर पर’ शब्द जोड़ने से इनकार कर दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय मोदी और अन्य के खिलाफ इस मामले में कार्रवाई करने की मांग वाली याचिकाएं पहले ही खारिज चुकी है।

यूनीवार्ता के मुताबिक पीठ ने कहा कि कोर्ट इस संबंध में इलेक्शन कमीशन को कोई निर्देश जारी नहीं कर सकता है। पीठ की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस नाथ ने कहा हम हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। हम अनुच्छेद 32 के तहत ऐसे निर्देश जारी नहीं कर सकते। खारिज किया जाता है।

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