ठाकुर कविता पाठ विवाद: सीएम नीतीश से बाहुबली नेता आनंद मोहन ने की मुलाकात, निकाले जा रहे हैं सियासी मायने

  • बिहार की सियासत में ठाकुर कविता पाठ विवाद जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-05 10:02 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ठाकुर कविता पाठ विवाद के बीच गुरुवार को पहली बार पूर्व सांसद आनंद मोहन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। जिसे लेकर सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जाने लगी है। हाल ही में विशेष सत्र के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में ठाकुरों को लेकर एक कविता पढ़ी थीं। जिसके बाद आनंद मोहन और उनके बेटे आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसके बाद बीजेपी के भी कई राजपूत नेताओं ने मनोज झा को लेकर जुबानी जंग तेज कर दी। हालांकि, इस मामले में बीच-बचाव करते हुए 30 सितंबर को तेजस्वी यादव ने मनोज झा का साथ दिया। इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर चेतन आनंद को मनोज झा के बयान से कोई दिक्कत थी तो उन्हें पहले पार्टी लेवल पर बात करनी चाहिए थी, ना कि ट्विटर पर बयानबाजी करना चाहिए था।

आनंद मोहन ने सीएम नीतीश से की मुलाकात

गौरतलब है कि गुरुवार सुबह करीब 11 बजे आनंद मोहन राजधानी पटना के 1 अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। जहां उन्होंने सीएम नीतीश से मुलाकात की। हालांकि, अभी तक इन दोनों नेताओं की बीच हुई बातचीत को सार्वजनिक नहीं किया गया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन दोनों नेताओं के बीच ठाकुर विवाद और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बातचीत हुई होगी। 

समझें सियासी मायने

बता दें कि हाल ही में आनंद मोहन जेल से रिहा हुए हैं। खास बात यह है कि सीएम नीतीश के द्वारा जेल के नियमावली में बदलाव किए जाने के बाद ही आनंद मोहन की रिहाई संभव हो पाई है। गोपालगंज के डीएम जी कृष्णमैय्या की हत्या के आरोप में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

इसी साल उनकी रिहाई के दौरान भी बिहार की सियासत में खूब हंगामा देखने को मिला था। हालांकि, बीजेपी की ओर से राजपूत सांसद आनंद मोहन की रिहाई से बचते नजर आए।

महागठबंधन को कितना फायदा

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजपूत वोटबैंक को साधने के लिए सीएम नीतीश के नतेृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने आनंद मोहन रिहाई करवाई है। बिहार के कोसी क्षेत्र में बाहुबली नेता आनंद मोहन की अच्छी खासी पकड़ है। हाल ही में जेल से छूटने के चलते वे फिलहाल चुनाव तो नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन वे लोकसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार के दौरान इंडिया गठबंधन को फायदा पहुंचा सकते हैं। 

आनंद मोहन इस समय किसी भी पार्टी का हिस्सा नहीं हैं। हाल ही में ठाकुर कविता पाठ विवाद के दौरान आनंद मोहन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हुई थी। हालांकि, आज सीएम से आनंद मोहन की मुलाकात ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है। 

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