बीजेपी के खिलाफ 'इंडिया' की रणनीति!, सदन के कार्यालय में विपक्षी सांसदों की बैठक, आज भी हंगामे के आसार

  • बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की रणनीति
  • सत्ता पक्ष को घेरने के लिए बुने जा रहे हैं जाल

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-03 04:09 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू है लेकिन सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष मणिपुर हिंसा को लेकर आमने-सामने हैं। बीते दिन 1 अगस्त को दिल्ली अध्यादेश पर भी सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ था। सरकार को घेरने के लिए विपक्ष हर तरह का प्रयास कर रहा है। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की मांग है कि सरकार मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर सदन में चर्चा करे। खास कर पीएम मोदी इस मामले पर विस्तार पूर्वक लोकसभा में बयान दें। सत्ता पक्ष और विपक्ष में इसी बात को लेकर ठनी हुई है। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को घेरने के लिए आज सदन के कार्यलय में बैठक करेगा। जिसमें सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

हाल ही में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के 21 सांसदों ने मणिपुर का दौरा किया था। जहां उन्होंने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया और लोगों से उनकी हालत को जाना था। हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि, मणिपुर की हालात को देखकर दिल सहम सा गया है लेकिन केंद्र और राज्य सरकार इतने संवेदनशील मामले पर चुप्पी साधी हुई हैं। बीरेन सरकार कानून व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह विफल रही है।

लोकसभा और राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा

19 जुलाई को दो महिलाओं की निर्वस्त्र करने का वीडियो सामने आया था। जिसके बाद से ही प्रदेश और देश में मणिपुर को लेकर चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है लेकिन अब तक इसका कोई असर नहीं देखा गया है। लगातार हो रही हिंसा से विपक्ष सड़क से लेकर सदन तक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। विपक्ष का कहना है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल रही है इसलिए मौजूदा सीएम एन बीरेन सिंह को उनके पद से हटाया जाए और तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाई जाए। लोकसभा और राज्यसभा में आज भी इस मामले में हंगामे होनी की आसार है।

हजारों लोग हुए बेघर

मणिपुर में हिंसा 3 मई से भड़की है। मैतेई और कुकी समाज के लोग आमने-सामने हैं। अब तक इस हिंसा में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 60 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं। हिंसा से हजारों लोग घायल भी हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस बल भी दो भागों में बंट गई है जिसकी वजह से हिंसा को शांत करने में सरकार को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

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