नतीजे से सबक: मध्य प्रदेश में कांग्रेस, सपा व बसपा की सीटों पर भाजपा की विशेष तैयारी

  • मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव की तैयारी
  • 103 सीटों पर बीजेपी का विशेष फोकस
  • 2018 के विधानसभा चुनाव में हारी थी भाजपा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-12 05:11 GMT

डिजिटल डेस्क,  नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में 2018 में हुए पिछले विधान सभा चुनाव के नतीजे से सबक लेकर भाजपा इस बार उन विधान सभा सीटों पर खास तैयारी कर रही है, जिन सीटों पर 2018 में उसे हार का सामना करना पड़ा था। खासतौर से उन 103 विधान सभा सीटों पर फोकस किया जा रहा है, जिन पर वर्तमान में कांग्रेस, सपा, बसपा और निर्दलीयों का कब्जा है।

आपको याद दिला दें कि, इनमें से 39 सीटों पर भाजपा अपने उम्मीदवारों की पहली सूची पिछले महीने 17 अगस्त को ही जारी कर चुकी है। बताया जा रहा है कि विपक्षी दलों के कब्जे वाली बची हुई 64 सीटों पर बुधवार को होने वाली भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अंतिम मुहर लगाई जा सकती है।

सोमवार को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर आधी रात तक चली मैराथन बैठक में नड्डा और अमित शाह ने एक-एक सीट पर संभावित उम्मीदवारों के नाम के पैनल पर मध्य प्रदेश कोर ग्रुप के नेताओं के साथ चर्चा की। इन नामों को बुधवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में रखा जाएगा।

नड्डा के आवास पर सोमवार को आधी रात तक चली बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, मध्य प्रदेश के प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित मध्य प्रदेश चुनाव की तैयारियों से जुड़े पार्टी के अन्य दिग्गज नेता भी शामिल हुए।

दरअसल,मध्य प्रदेश में हुए 2018 के पिछले विधान सभा चुनाव में भाजपा को 230 सदस्यों वाली विधान सभा में 41.02 प्रतिशत मत के साथ सिर्फ 109 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस ने उस चुनाव में भाजपा से थोड़ा कम यानी 40.89 प्रतिशत वोट हासिल करने के बावजूद भाजपा से 5 सीटें ज्यादा यानी 114 पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने उस समय सपा, बसपा और निर्दलियों के सहयोग से सरकार बनाई और कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के विधायकों के इस्तीफे के कारण कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई और शिवराज सिंह चौहान फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बन गए।

वैसे तो 2018 के विधान सभा चुनाव में भाजपा को सिर्फ 109 सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के विधायकों के इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने के बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में 18 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई और राज्य के कुल 230 सदस्य विधान सभा में वर्तमान में भाजपा के पास 127 विधायक हैं।

2023 में पूर्ण बहुमत हासिल करने के लक्ष्य के साथ भाजपा उन 103 विधान सभा सीटों पर खास तैयारी कर रही है जहां पर वर्तमान में विपक्षी खेमे के विधायक है। सोमवार को नड्डा के आवास पर आधी रात तक चली बैठक में मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव की तैयारियों के साथ ही पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा की समीक्षा की गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी सागर, ओंकारेश्वर और भोपाल दौरे के कार्यक्रम एवं तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई।

आईएएनएस

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