सिद्धारमैया ने कहा, वंचितों, बेजुबानों को मुख्यधारा में लाना जरूरी
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान
- समाज के वंचित लोगों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास
- पत्रकारों को आत्मनिरीक्षण करने की ज़रूरत
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि वह समाज के वंचित लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। सामाजिक जिम्मेदारी विषय पर सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में लगभग 25 प्रतिशत लोगों को अभी भी शिक्षा नहीं मिल पाई है। आर्थिक असमानता और भी अधिक है। इसलिए मैं वंचितों को मुख्यधारा में लाने और समाज में सभी को न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा हूं।
सीएम ने कहा कि मुझे लगता है कि पत्रकारों को आत्मनिरीक्षण करने की ज़रूरत है कि क्या वे पत्रकारिता की नैतिकता के अनुसार काम कर रहे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर ने उदाहरण पेश किया है कि एक पत्रकार को कैसा होना चाहिए। गरीब, वंचितों को आवाज देना मीडिया पेशे का उद्देश्य, आकांक्षा और जिम्मेदारी है।
सामाजिक असमानता पारंपरिक रूप से सदियों से चली आ रही है। इस प्रकार समाज का अधिकांश हिस्सा आर्थिक और सामाजिक असमानता तथा भेदभाव का शिकार हो गया है। अंबेडकर का जिक्र करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान लागू होने से एक दिन पहले अपने ऐतिहासिक भाषण में कहा था, ''अगर देश को आर्थिक और सामाजिक आजादी नहीं मिलेगी, सिर्फ प्रशासनिक और राजनीतिक आजादी मिलेगी, तो असमानता के शिकार लोग एक दिन आजादी की इस इमारत को नष्ट कर सकते हैं।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''पेट भरे लोगों का रवैया यह है कि मजदूर वर्ग भूखे पेट भी सो जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अन्नभाग्य योजना को लागू नहीं होने देंगे, यह समाज विरोघी सोच है।''
सीएम ने आगे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तभी बढ़ेगी जब लोगों की जेब में पैसा होगा। यही कारण है कि हमारी सरकार ने कामकाजी लोगों की जेब में पैसा डालने वाले कार्यक्रम दिए हैं। इसके खिलाफ बीजेपी का रवैया असामाजिक है। इसलिए, पत्रकारिता पेशे से जुड़े लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गरीब-समर्थक और जन-समर्थक परियोजनाएं लोगों तक पहुंचे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा पांच से अधिक वरिष्ठ पत्रकारों एवं फोटोग्राफरों को सम्मानित किया गया। सेमिनार का आयोजन यहां प्रेस क्लब ऑफ बेंगलुरु और कर्नाटक यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने किया था।
आईएएनएस
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