प्रतिक्रिया: क्या अरविंद केजरीवाल को नहीं देना चाहिए था सीएम पद से इस्तीफा? जानें अन्ना हजारे ने क्या कहा

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का किया ऐलान
  • अगले दो दिन में नए मुख्यमंत्री के चयन की घोषण की
  • इस्तीफे पर जानें अन्ना हजारे की क्या रही प्रतिक्रिया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-15 16:38 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम के पद से इस्तीफे की घोषणा करके सबको हैरत में डाल दिया है। केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा का असर दिल्ली की सियासत पर भी दिखना शुरू हो गया है। इस दौरान उन्होंने अपने सीएम पद से इस्तीफे और दो दिन के अंदर नए मुख्यमंत्री के चयन की बात कही। इसके लिए उन्होंने विधायक दल की बैठक भी बुलाने की भी घोषणा की है। इस बीच अब केजरीवाल के इस्तीफे पर समाज सेवक उन्ना हजारे का रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले अरविंद केजरीवाल को सियासत में आने पर मना किया था।

अन्ना हजारे ने दी प्रतिक्रिया

अन्ना हजारे ने कहा, "मैं केजरीवाल से पहले ही कह रहा था की राजनीति में मत जाओ। समाज की सेवा करो बहुत बड़े आदमी बनोगे। कई साल तक हम लोग साथ में थे। उस समय मैंने बार-बार कहा की राजनीति में नहीं जाना। समाज सेवा आनंद देती है। आनंद बढाओ, लेकिन उसके दिल मे बात नही रही और आज जो होना था वह हो गया. उनके दिल में क्या है मैं क्या जानूं।"

गौरतलब है कि, तिहाड़ जेल से दो दिन की जमानत पर आए केजरीवाल ने रविवार को पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने फरवरी 2025 से पहले नवंबर में ही दिल्ली विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उन्हें जब तक लोगों से इमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं मिल जाता, वह तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।

नवंबर में दिल्ली विधानसभा चुनाव की मांग की

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के साथ-साथ नवंबर में ही दिल्ली विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन बाद आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में दौरान मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में अगले साल के फरवरी में चुनाव होने हैं। लेकिन मेरी मांग है कि नवंबर में होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ-साथ दिल्ली के चुनाव भी कराए जाए।

मुझे ईमानदारी का प्रमाणपत्र चाहिए

केजरीवाल ने पार्टी मुख्यालय में अपने संबोधन में कहा कि मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तब तक नहीं बैठूंगा, जब तक मुझे जनता से ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं जेल से बाहर आने के बाद अग्निपरीक्षा देना चाहता हूं। केजरीवाल ने आगे कहा कि मैं और मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम की कुर्सी पर तभी ही बैठेंगे। जब आप लोग कहेंगे की हम ईमानदार हैं।

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