सिद्दारमैया के पूरे कार्यकाल को लेकर चल रहे विवाद पर शिवकुमार बोले, डोंट डिस्टर्ब मी

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Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-23 13:52 GMT
Bengaluru: Newly-elected Karnataka Chief Minister Siddarmaiah with Deputy CM DK Shivakumar during the oath ceremony of Karnataka's CM and ministers, at Kanteerava Stadium in Bengaluru, Saturday, May 20, 2023.(Photo: Dhananjay Yadav/IANS)
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में नई सरकार के सत्ता संभालने के तीन दिन बाद ही मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डिप्टी डी.के. शिवकुमार के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर खींचतान सामने आ गई है। विवाद के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने मंगलवार को कहा, डोंट डिस्टर्ब मी।

उन्होंने कहा कि लोग जो कुछ भी सोचते हैं उस पर बयान जारी करें। मैं इसके बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं। एआईसीसी सत्ता और अन्य मुद्दों से संबंधित मामलों का ध्यान रखेगी। ऐसे मुद्दों को संभालने के लिए हमारे राष्ट्रीय नेता भी वहां हैं। अभी हमारी प्राथमिकता प्रदेश का चहुंमुखी विकास है।

शिवकुमार परेशान दिखे और उन्होंने मीडियाकर्मियों से दूरी बनाए रखी। उन्होंने आगे कहा कि मंत्री एम.बी. पाटिल ने सोमवार रात दावा किया था कि सिद्दारमैया पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। सत्ता-साझाकरण के बारे में कोई बात नहीं हुई है और सिद्दारमैया अगले पांच वर्षों के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे।

शिवकुमार ने आगे कहा कि जब उनके बयानों से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हुआ, तो पाटिल ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है। मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ नेताओं की घोषणा को दोहराया है।

सिद्दारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता के बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने टिप्पणी की थी कि सत्ता कर्नाटक के लोगों को दी जा रही है। हाईकमान ने अभी तक इस मुद्दे पर स्पष्टता नहीं दी है। पार्टी के वरिष्ठ इस घटनाक्रम से नाखुश हैं और महसूस करते हैं कि इस समय पाटिल का बयान अनावश्यक था।

साल 2013 में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में पाटिल और शिवकुमार को शामिल किए जाने पर, पाटिल और शिवकुमार के बीच युद्ध चला था और शिवकुमार को बाहर रखा गया था।

पाटिल और सिद्दारमैया ने 2018 के विधानसभा चुनावों में लिंगायतों के लिए एक अलग धर्म श्रेणी बनाने का असफल प्रयास किया। शिवकुमार ने लिंगायतों से बार-बार बिना शर्त माफी मांगी थी, इससे पाटिल को काफी कष्ट हुआ था। पाटिल ने तब माफी के रुख पर शिवकुमार से सवाल किया था।

कैबिनेट मंत्री प्रियांक खड़गे ने पाटिल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाटिल द्वारा सत्ता के बंटवारे पर दिए गए बयान अप्रासंगिक हैं। उनके बीच की बातचीत का विवरण कोई नहीं जानता। य्यह केवल सीएम सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल को ही पता है।

उन्होंने कहा कि विधायक दल की बैठक में सत्ता बंटवारे पर चर्चा नहीं हुई। मुझे नहीं पता कि एमबी पाटिल के पास क्या जानकारी है। मैं वही बता सकता हूं जो मैं जानता हूं।

आईएएनएस

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