शाह तीन दिन के मणिपुर दौरे पर जाएंगे, जातीय संकट हल करने के लिए करेंगे बातचीत

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-25 14:14 GMT
Guwahati: Union Home Minister Amit Shah addresses during the inauguration of 'Assam Police Seva Setu' at Srimanta Sankaradeva Kalakshetra, in Guwahati, on Thursday, May 25, 2023. (Photo:IANS/Twitter)
डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि वह जल्द ही अशांत मणिपुर का तीन दिन दिवसीय दौरा करेंगे और पूर्वोत्तर राज्य में तीन मई से जारी जातीय संकट को हल करने के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत करेंगे। गुवाहाटी में राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के 11वें परिसर की आधारशिला रखने के बाद शाह ने कहा कि मणिपुर में हिंसा मणिपुर उच्च न्यायालय के एक आदेश से भड़की थी। 
मणिपुर में सभी समुदायों के लोगों से शांति और जातीय सद्भाव बनाए रखने का आग्रह करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि वर्तमान संकट को हल करने के लिए सभी हितधारकों के बीच बातचीत आवश्यक है।

किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा और सभी पीड़ितों और प्रभावित व्यक्तियों को न्याय प्रदान किया जाएगा। मणिपुर की मेरी तीन दिवसीय प्रस्तावित यात्रा के दौरान मैं समस्या को जल्द से जल्द हल करने के लिए सभी संबंधितों से बात करूंगा। आज के समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। शाह ने कहा, पिछले छह वर्षो के दौरान मणिपुर में शांति बहाल होने के कारण कोई बंद या नाकाबंदी नहीं हुई। लोगों को सर्वागीण विकास और लोगों के कल्याण के लिए इस प्रवृत्ति को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने सभी समुदायों के लोगों से अविश्वास और गलतफहमी को दूर करने तथा बातचीत के माध्यम से शांति और जातीय सद्भाव बहाल करने का भी आग्रह किया।

तीन सप्ताह से अधिक समय पहले भाजपा शासित मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद शाह की टिप्पणी किसी हाई-प्रोफाइल केंद्रीय मंत्री का पहला सार्वजनिक बयान था। मणिपुर के ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा एसटी श्रेणी में मेइती समुदाय को शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आह्वान के बाद पूर्वोत्तर राज्य में 10 से अधिक जिलों में व्यापक हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें 70 से अधिक लोगों की जान चली गई और 300 से अधिक लोग घायल हो गए।

मीतेई (मेइती) ट्रेड यूनियन द्वारा दायर एक रिट याचिका पर कार्रवाई करते हुए मणिपुर उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम.वी. मुरलीधरन ने 19 अप्रैल को राज्य सरकार को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में मेइती समुदाय को शामिल करने की सिफारिश केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को सौंपने का निर्देश दिया था। आदिवासी एकजुटता मार्च के लिए 3 मई को हजारों आदिवासियों के आने से उच्च न्यायालय का आदेश एक बड़े विवाद में बदल गया। इस बीच मणिपुर के विधायकों के एक समूह के गुवाहाटी में शाह से मिलने की संभावना है ताकि उन्हें संकटग्रस्त राज्य की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया जा सके।

(आईएएनएस)

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