केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में विपक्षी दलों के एक जैसे सुर
- राष्ट्रीय राजधानी सेवा प्राधिकरण
- केंद्र सरकार का अध्यादेश
- विरोध में विपक्षी दल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार के दिल्ली को लेकर आए राष्ट्रीय राजधानी सेवा प्राधिकरण बनाने संबंधी अध्यादेश पर समूचा विपक्ष एक होते हुए दिखाई दे रहा है। अध्यादेश के विरोध में विपक्षी दलों के सुर मिलने लगे है। बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और बीएसपी चीफ मायावती ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है। अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को जनादेश की हत्या बताया।
सपा चीफ अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है। यह अध्यादेश के नाम पर जनादेश की हत्या है।
दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी।भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है। अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है।— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 21, 2023
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा केंद्र व दिल्ली सरकार में आपसी अविश्वास, असहयोग व टकराव से आम जनहित प्रभावित हो रहा है जबकि दिल्ली को इनके बीच आपसी सहयोग से विकास, जनहित व जनकल्याण की बेहतरीन मिसाल होना चाहिए। दोनों के बीच अन्तहीन टकराव दुखद है।
आपको बता दें केंद्र सरकार ने दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए शुक्रवार को अध्यादेश जारी किया। ये अध्यादेश आईएएस और दिल्ली, अंडमान निकोबार दीप समूह, लक्षद्वीप, दादर नगर हवेली और दमन दीव प्रशासनिक सेवा कैडर के अधिकारियों पर लागू होगा। केंद्र सरकार के अध्यादेश के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विपक्ष से समर्थन मांगा था, जिसके बाद अखिलेश यादव और मायावती के सुर मिलते नजर आए।