लोकसभा चुनाव 2024: चुनावी मैदान में वायनाड सीट से ही दोबारा उतरेंगे राहुल गांधी, लेफ्ट के मंसूबों पर कांग्रेस ने फेरा पानी

  • वायनाड सीट से ही चुनाव लड़ेंगे राहुल
  • कांग्रेस ने ठुकराया लेफ्ट का प्रस्ताव
  • पिछले चुनाव में 20 में से 19 सीटें जीती थी कांग्रेस

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-04 15:37 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के सामने सबसे बड़ी चुनौती सीटों का बंटवारा है। कई राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर खींचातान मची हुई है। उत्तर भारतीय राज्यों के बाद अब दक्षिण में भी सीटों के बंटवारे के नाम पर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इंडिया गठबंधन में शामिल भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने राहुल गांधी को वायनाड सीट छोड़ने को कहा था। सीपीआई चाहती है कि वायनाड की सीट लेफ्ट के लिए छोड़ दी जाए। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी वायनाड सीट से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे।

2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था। उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर राहुल को स्मृति ईरानी के हाथों हार झेलनी पड़ी थी। वहीं केरल के वायनाड सीट पर राहुल गांधी ने 4 लाख वोट से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। सीपीएम ने गांधी को वायनाड छोड़कर केरल से बाहर किसी दूसरे सीट से चुनाव लड़ने की सलाह दी है। पार्टी के मुताबिक, राहुल गांधी को ऐसी सीट से लड़ना चाहिए जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला हो। केरल के वायनाड सीट से राहुल गांधी से पहले दूसरे कांग्रेस नेता भी लगातार जीतते आ रहे हैं। पिछले चुनावी आंकड़ों को देखे तो वायनाड सीट पर कांग्रेस की काफी मजबूत पकड़ है।

कांग्रेस का क्या है मत?

सूत्रों की मानें तो सीपीएम के सुझाव को मानने से कांग्रेस ने साफ तौर पर इंकार कर दिया है। वायनाड सीट पर कांग्रेस राहुल गांधी को एक बार फिर उतारने की तैयारी में है। केरल में पार्टी के प्रदेश प्रभारी तारिक अनवर ने नवंबर में वायनाड सीट पर उठते सवालों को साफ करते हुए कहा था, "बिल्कुल, राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ेंगे। उन्हें वायनाड के लोगों से बहुत लगाव है।"

क्यों अहम है यह सीट ?

कांग्रेस पिछले कई लोकसभा चुनाव से लगातार वायनाड सीट पर जीतती आई है। खास बात यह है कि इंडिया गठबंधन से पहले केरल में कांग्रेस का सीधा मुकाबला लेफ्ट से होता था। लेफ्ट मोर्चे में शामिल सीपीआई केरला के वायनाड, त्रिवेंद्रम, त्रिचूर और मलप्पुरम सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ती थी। यही वजह है कि सीपीए कांग्रेस पर वायनाड सीट को लेफ्ट के लिए छोड़ने का दबाव बना रही है।

पिछले चुनाव में कांग्रेस को मिलीं इतनी सीटें

पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी यूपीए ने अलाप्पुझा को छोड़कर 20 में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस चुनाव में कांग्रेस ने 16 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को उतारा था जिसमें से 15 पर जीत मिली थी। इस बड़ी जीत में राहुल गांधी का वायनाड सीट पर चुनाव लड़ना एक अहम फैक्टर माना गया था।

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