MP Election 2023: जन आक्रोश यात्रा में बीजेपी पर बरसे राहुल गांधी, शिवराज सरकार को बताया घोटालों का केंद्र
- एमपी भष्टाचार का एपीसेंटर- राहुल गांधी
- जन आक्रोश यात्रा में बीजेपी पर बरसे राहुल गांधी
- शिवराज सरकार को बताया घोटालों का केंद्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में जन आक्रोश रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। शाजापुर जिले के कालापीपल विधानसभा के पोलायकला में पहुंचे राहुल गांधी ने भष्ट्राचार, पेपर लीक और किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाकर प्रदेश की बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश की।
विचारधार की लड़ाई
भाषण की शुरुआत में राहुल गांधी ने कहा कि यह विचारधारा की लड़ाई है। यह गांधीजी बनाम गोडसे की लड़ाई है। कांग्रेस गांधीजी के विचारों पर चल रही है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी और आरएसएस गोडसे की विचारधारा पर चल रही हैं। यह नफरत बनाम मोहब्बत की लड़ाई है।
भ्रष्टाचार पर शिवराज सरकार को राहुल ने घेरा
भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के लोगों ने यहां इतना ज्यादा भष्टाचार किया है कि आज मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार का एपीसेंटर बन गया है। बीजेपी की सरकार ने प्रदेश में बच्चों के फंड्स, मिड-डे मील के फंड्स, स्कूल यूनीफॉर्म के फंड्स चोरी किए। इन्होंने महाकाल कॉरिडोर में घोटाला किया है। इन लोगों ने व्यापम घोटाला करके एक करोड़ युवाओं को नुकसान पहुंचाया है। प्रदेश में सीट्स बेची जाती है और पेपर लीक होते हैं।
शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 18 सालों में यहां 18 हजार किसानों की आत्महत्या हुई है। प्रदेश में हर दिन 3 किसानों आत्महत्या कर रहे हैं। यहां बीजेपी की सरकार है और ये लोग चुने हुए लोगों के लिए काम करते हैं। ये लोगों किसानों को दबाने और उन्हें खत्म करने के लिए कानून लाए। नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि किसानों के फायदे के लिए ये कानून लाए गए हैं। अगर वे फायदे के लिए किसान बिल लेकर आए तो किसान सड़क पर क्यों उतरे हैं? देश की इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसान टैक्स भर रहे हैं।
कर्नाटक में हमारी सरकार बनी। हमने 5 गारंटी दीं। वहां की महिलाएं बसों से फ्री सफर कर रही हैं। छत्तीसगढ़ में हमने किसानों का कर्ज माफ किया है। राजस्थान में 15 लाख रुपए का फ्री में इलाज किया जा रहा है। सरकार को जनता के लिए काम करना चाहिए, न कि उद्योगपतियों के लिए।