स्पीकर को चिट्ठी: स्पीच का बड़ा हिस्सा कार्यवाही से हटा, राहुल गांधी ने जताई आपत्ति, चिट्ठी लिख किया सवाल, कैबिनेट मंत्री की स्पीच का दिया हवाला
- भाषण का हिस्सा हटने से राहुल गांधी नाराज हैं
- नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर को चिट्ठी लिखी
- धर्मों पर टिप्पणियां करने से राहुल के भाषण का हिस्सा हटा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोमवार लोकसभा सत्र के दौरान विपक्ष नेता राहुल गांधी ने भाषण दिया। भाषण का एक हिस्सा सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। जिसके चलते नेता प्रतिपक्ष राहुल ने स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी भेज अपनी नाराजगी जताई। बता दें, राहुल गांधी ने 1 जुलाई को लोकसभा के छठे सत्र में हिंदुओं समेत कई धर्मों के बारे में बयान दिया था। जिसके चलते भाषण का कुछ हिस्सा हटा दिया है। राहुल ने कहा कि वह हैरान हैं कि उनका एक अहम अंश स्पीच से निकाल दिया गया। साथ ही उनका मानना है कि उनके भाषण का जो हिस्सा हटाया गया है वह नियम 380 के दायरे से बाहर है।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने यह दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की स्पीच में कई आरोप थे लेकिन उनका भाषण पूरा न हटाकर सिर्फ एक शब्द निकाला था। साथ ही राहुल गांधी ने भेदभाव का भी आरोप लगाया है।
राहुल की चिट्ठी
विपक्ष नेता राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी भेजी। इस चिट्ठी में उन्होंने सदन की कार्यवाही से उनके भाषण का एक हिस्सा हटाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, “मैं यह लेख 1 जुलाई 2024 को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मेरे भाषण से निकाली गई टिप्पणियों और हिस्सों के बारे में लिख रहा हूं।” जिसके बाद उन्होंने कहा, “हालांकि सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को निकालने की शक्ति प्राप्त है, लेकिन शर्त केवल उन्हीं शब्दों की है, जिनकी प्रकृति लोकसभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 380 में दी गई हैं।”
राहुल गांधी हैं हैरान
नेता प्रतिपक्ष उनकी स्पीच का बड़ा हिस्सा हटाए जाने से हैरान हैं। उन्होंने स्पीकर को भेजी चिट्ठी में लिखा- हालाँकि, मैं यह देखकर हैरान हूं कि किस तरह मेरे भाषण के एक बड़े हिस्से को विस्तार की आड़ में कार्यवाही से हटा दिया गया।
संविधान के ऊपर क्या बोले राहुल?
राहुल गांधी ने कहा- मैं 2 जुलाई के लोकसभा के संशोधित न किए गए वक्तव्यों के प्रासंगिक अंश संलग्न कर रहा हूं, साथ ही यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए अंश सदन में व्यक्त करने के दायरे में नहीं आते हैं, यह जमीनी हकीकत है। मैं जो तथ्यात्मक पोस्ट चाहता था, वह यह है कि सदन का एक सक्रिय सदस्य जो लोगों की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, जब वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्व करता है, तो सदन में लोगों की समस्याओं को उठाना हर एक सदस्य का कर्तव्य है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बारे में क्या बोले राहुल?
राहुल गांधी का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कई आरोप लगाए थे लेकिन उनकी स्पीच का कुछ ही हिस्सा हटाया गया। राहुल ने कहा- इस संदर्भ में मैं श्री अनुराग ठाकुर के भाषण की ओर भी ध्यान खींचना करना चाहता हूं, जिनका भाषण आरोपों से भरा था, लेकिन केवल एक शब्द ही हटाया गया, आपके प्रति पूरे सम्मान के साथ यह कुछ शब्द हटाना तर्क से परे है।