कोटे पर कोटा आरक्षण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससी एसटी सांसदों को दिया आश्वासन, एनडीए सरकार लागू नहीं करेगी SC/ST वर्ग में क्रीमी लेयर

  • संसद भवन परिसर में पीएम मोदी से मिले आरक्षित सांसद
  • एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू नहीं होगा- मोदी
  • सुप्रीम कोर्ट की 6 जजों की बेंच ने 2004 का फैसला पलटा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-09 13:17 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एससी एसटी आरक्षण में कोटे के भीतर कोटे मामले में आरक्षित सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार को मुलाकात की। पीएम ने एससी एसटी सांसदों को कोटे पर कोटे का सिस्टम लागू नहीं करने की बात कही।

आपको बता दें  सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को एससी एसटी आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा देने का फैसला दिया था। इसे लेकर एससी - एसटी वर्ग में भ्रम की स्थिति है। आरक्षित समुदाय में बीजेपी सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश था। 

बीजेपी सांसद भोला सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय में भ्रम की स्थिति व्याप्त थी। इसे लेकर सांसदों ने पीएम से मुलाकात की थी। सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के SC/ST के फैसले को लेकर ज्ञापन भी दिया। कोटे में कोटा मामले पर PM मोदी आश्वासन ने दिया है कि, ऐसी कोई व्यवस्था सरकार लागू नहीं करेगी और SC/ST आरक्षण में क्रीमी लेयर भी लागू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट की 6 जजों की बेंच ने एससी एसटी आरक्षण के भीतर आरक्षण देने का फैसला दिया था, जिसे लेकर आरक्षित वर्ग लगातार विरोध दर्ज करा रहे थे। 

बसपा चीफ मायावती ने एक्स पर लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन द्वारा आज उनसे भेंट करने गए बीजेपी के SC/ST सांसदों को यह आश्वासन देना कि SC/ST वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने तथा एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी माँगों पर ग़ौर किया जाएगा, यह उचित व ऐसा किए जाने पर इसका स्वागत।

बीएसपीप्रमुख ने आगे लिखा कि अच्छा होता कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष बहस में केन्द्र सरकार की तरफ से एटार्नी जनरल द्वारा आरक्षण को लेकर एससी व एसटी में क्रीमी लेयर लागू करना तथा इनका उप-वर्गीकरण किये जाने के पक्ष में दलील नहीं रखी गयी होती, तो शायद यह निर्णय नहीं आता।

मायावती ने अपने तीसरे ट्विट में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहाँ इस निर्णय का इस्तेमाल करके SC/ST वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं। अतः संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाया जाए।

Tags:    

Similar News