डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज गुरुवार 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रख सकती हैं। आपको बता दें बीते दिन राजस्थान कोटा से सांसद ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर चुन लिया गया था। वहीं निम्न सदन में विपक्ष का नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नियुक्त किया। स्पीकर ओम बिरला ने राष्ट्रपति अभिभाषण तक लोकसभा सदन को स्थगित किया था। राष्ट्रपति अभिभाषण के बाद निम्न सदन सुचारू रूप से चलेगी। यह भी पढ़े -राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनने से पहले कांग्रेस में खूब हुआ मंथन, खरगे के आवास पर बैठक के दौरान निकला हल18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का यह पहला संबोधन होगा। नई लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ था। इसके अलावा राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू होगा। मुर्मू राष्ट्रपति भवन से घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ संसद भवन पहुंचेंगी। प्रधानमंत्री , लोकसभा और राज्यसभा यानि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारी संसद भवन के गज द्वार पर राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। यहां से उन्हें पारंपरिक राजदंड 'सेंगोल' की अगुवाई में निचले सदन के कक्ष तक ले जाया जाएगा।आपको बता दें संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार राष्ट्रपति को हर लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी होता है। राष्ट्रपति हर साल संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को करते है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा सदन में बताती है। यह अभिभाषण पिछले वर्ष सरकार के कामकाज का उल्लेख करता है। इस दौरान आगामी वर्ष के लिए प्राथमिकताओं को बताता है।यह भी पढ़े -ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' के नारे पर सियासी संग्राम! आरएलएम और भाजपा नेता ने बोला हमलाराष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सत्तारूढ़ दल संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेगा, जिस पर सदस्य चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दो या तीन जुलाई को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं। विपक्ष नीट-यूजी में कथितअनियमितताओं, यूजीसी-नेट को रद्द करने, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों, देश में ट्रेन दुर्घटनाओं और बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसे कई अहम मुद्दों पर नवनिर्वाचित मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में है।यह भी पढ़े -विपक्ष का नेता सिर्फ एक पद नहीं, जनता की लड़ाई लड़ने की जिम्मेदारी है राहुल गांधी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज गुरुवार 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू नवनिर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को सामने रख सकती हैं। आपको बता दें बीते दिन राजस्थान कोटा से सांसद ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर चुन लिया गया था। वहीं निम्न सदन में विपक्ष का नेता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को नियुक्त किया। स्पीकर ओम बिरला ने राष्ट्रपति अभिभाषण तक लोकसभा सदन को स्थगित किया था। राष्ट्रपति अभिभाषण के बाद निम्न सदन सुचारू रूप से चलेगी। यह भी पढ़े -राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनने से पहले कांग्रेस में खूब हुआ मंथन, खरगे के आवास पर बैठक के दौरान निकला हल18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का यह पहला संबोधन होगा। नई लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ था। इसके अलावा राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू होगा। मुर्मू राष्ट्रपति भवन से घुड़सवार अंगरक्षकों के साथ संसद भवन पहुंचेंगी। प्रधानमंत्री , लोकसभा और राज्यसभा यानि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारी संसद भवन के गज द्वार पर राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। यहां से उन्हें पारंपरिक राजदंड 'सेंगोल' की अगुवाई में निचले सदन के कक्ष तक ले जाया जाएगा।आपको बता दें संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार राष्ट्रपति को हर लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना जरूरी होता है। राष्ट्रपति हर साल संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को करते है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जरिए सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा सदन में बताती है। यह अभिभाषण पिछले वर्ष सरकार के कामकाज का उल्लेख करता है। इस दौरान आगामी वर्ष के लिए प्राथमिकताओं को बताता है।यह भी पढ़े -ओवैसी के 'जय फिलिस्तीन' के नारे पर सियासी संग्राम! आरएलएम और भाजपा नेता ने बोला हमलाराष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सत्तारूढ़ दल संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेगा, जिस पर सदस्य चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दो या तीन जुलाई को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे सकते हैं। विपक्ष नीट-यूजी में कथितअनियमितताओं, यूजीसी-नेट को रद्द करने, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों, देश में ट्रेन दुर्घटनाओं और बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसे कई अहम मुद्दों पर नवनिर्वाचित मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में है।यह भी पढ़े -विपक्ष का नेता सिर्फ एक पद नहीं, जनता की लड़ाई लड़ने की जिम्मेदारी है राहुल गांधी