शेल्टर होम: आशा किरण में लगातार हो रही मौतों पर राजनीति, बीजेपी ने आप सरकार पर साधा निशाना
- दिल्ली में सांस लेना और समाचार पढ़ना भारी -मनोज तिवारी
- मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट जांच के दिए आदेश
- शेल्टर होम में पिछले 20 दिन में 13 मौतें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में दिव्यांगों के लिए बने घर आशा किरण में लगातार हो रही मौतों को लेकर राजनीति होने लगी है। एक तरफ दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश दिए है, वहीं बीजेपी नेता इसे दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता बताते हुए निशाना साध रहे है। बीजेपी सांसदों का कहना है कि दिल्ली सरकार बच्चों को अमानवीय तरीके से रख रही है।
आशा किरण शेल्टर होम मामले पर भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा यह दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता है। एक-एक डोरमेट्री में 30 से 35 बच्चे हैं जहां पर 15 से 20 बच्चे रहने चाहिए। केवल 17 नर्सिंग ऑफिसर्स हैं। इन सभी को पिछले 5 महीने से तनख़्वाह नहीं दी गई है। 35-35 बच्चों को 3 आया कैसे संभालती होंगी? वहां पर पिछले कई सालों से ऐसी ही दयनीय स्थिति बनी हुई है। दिल्ली सरकार से हमारा कहना है कि न्यायिक जांच तो होती रहेगी लेकिन केवल जांच करने से कुछ नहीं होगा। उन बच्चों के माता-पिता नहीं है। उन्हें संभालने वाले स्टाफ की तनख्वाह दी जानी चाहिए और उसका मानदंड भी बढ़ना चाहिए। दिल्ली सरकार वहां पर उन बच्चों को अमानवीय तरीके से रख रही है।
आशा किरण' शेल्टर होम मामले पर बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया के बयान पर पलटवार करते हुए राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा, "दिल्ली सरकार 'आशा किरण' नाम का शेल्टर होम चलाती है जिसमें मानसिक रूप से बीमार महिलाएं और बच्चे रहते हैं। इस शेल्टर होम में पिछले 20 दिन में 13 मौतें रहस्यमयी कारणों से हुई हैं। मैं जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं तब भी यहां 2 महीनों में 11 रहस्यमयी मौतें हुई थीं। मैंने यहां जाकर निरीक्षण किया था और बहुत बुरे हालात पाए थे। वहां पर महिलाएं रेंग कर बाथरूम जाने पर मजबूर हैं। कई छोटे बच्चों को अपने बिस्तरों में शौच करना पड़ रहा था। डॉक्टरों की भी कमी थी। हमने कठोर रिपोर्ट बनाकर दिल्ली सरकार को दी। तब भी कुछ जांच हुई थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी। इस मामले में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। मैं ये मुद्दा सदन में उठाऊंगी। जवाबदेही तय होनी चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने कहा दिल्ली में सांस लेना भारी पड़ रहा है। समाचार पढ़ना भारी हो रहा है। आशा किरण में मानसिक रूप से विकलांग लोगों को रखा जाता है। सूचना मिली है कि वहां बच्चों को ठीक से खाना नहीं दिया जाता है, बच्चे बीमार पड़ जाते हैं तो उन्हें इलाज नहीं दिया जाता। आम आदमी पार्टी को अपने पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। इस तरह के समाचार रोज आते हैं। आम आदमी पार्टी जो कहती है वो करती कहां है?। आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को बहुत ही दुखद स्थिति में ला दिया है। दिल्ली को बचाने के लिए ऐसे लोगों को पद से हटाना बहुत ही आवश्यक है।