पलटवार: मोदी सरकार के 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित करने पर गरमाई सियासत, विपक्ष ने दी ये प्रतिक्रिया
- मोदी सरकार ने 25 जून को घोषित किया संविधान हत्या दिवस
- विपक्ष के दलों ने साधा निशाना
- कांग्रेस और सपा ने किया जवाबी हमला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार (12 जुलाई) को बड़ा फैसला लेते हुए 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया है। यानी उस दिन जब 49 साल पहले इंदिरा गांधी सरकार ने देश में एमरजेंसी लगाई थी। अब सरकार के इस कदम पर कांग्रेस सहित विपक्ष के अन्य दलों का रिएक्शन आया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर कहा कि नॉन बायोलॉजिकल पीएम एक बार फिर झूठ से भरी हुई हेडलाइन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस 4 जून को मनाएगी मोदी मुक्ति दिवस
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "भारत के लोगों में 4 जून 2024 जिसे इतिहास में मोदी मुक्ति दिवस के नाम से जाना जाएगा। इस दिन मिली निर्णायक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार से पहले उन्होंने (पीएम मोदी) दस सालों तक अघोषित आपातकाल लगा रखा था। यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारत के संविधान और उसके सिद्धांतों, मूल्यों और संस्थानों पर सुनियोजित ढंग से हमला किया है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं, जिनके वैचारिक परिवार ने नवंबर 1949 में भारत के संविधान को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था। यह वही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हैं, जिनके लिए डेमोक्रेसी का मतलब केवल डेमो-कुर्सी है।"
30 जनवरी को बापू हत्या दिवस के साथ मनाया जाए ये दिवस
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस निर्णय को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "30 जनवरी को बापू हत्या दिवस और लोकतंत्र हत्या दिवस के संयुक्त दिवस के रूप में मनाना चाहिए, क्योंकि इसी दिन चंडीगढ़ में बीजेपी ने मेयर चुनाव में धांधली की थी।"
इस दौरान उन्होंने बीजेपी से हत्या दिवस को लेकर भी सवाल पूछे। उन्होंने कहा, भाजपा बताए कि...
- मणिपुर में नारी के मान-अपमान हत्या दिवस
- हाथरस की बेटी हत्या दिवस
- लखीमपुर में किसान हत्या दिवस
- कानपुर देहात में माँ-बेटी हत्या दिवस
- तीन काले क़ानूनों से कृषि हत्या दिवस
- पेपर लीक करके हुए परीक्षा प्रणाली हत्या दिवस
- अग्निवीर से हुए सामान्य सैन्य भर्ती हत्या दिवस
- बेरोज़गारी से हुए युवा सपनों के हत्या दिवस
- बढ़ती महंगाई से हुए आम परिवारों के भविष्य के हत्या दिवस
- नोटबंदी व जीएसटी लागू करने से हुए व्यापार हत्या दिवस
- यश भारती जैसे पुरस्कार बंद करने से हुए हुनर-सम्मान हत्या दिवस
- जनसंख्या में आनुपातिक प्रतिनिधित्व न देकर सामाजिक न्याय का हत्या दिवस
- सरकारी नौकरी के अवसर ख़त्म करके आरक्षण के हत्या दिवस
- पुरानी पेंशन के हत्या दिवस
- संदेहास्पद हो गये ईवीएम न हटाकर बैलेट पेपर हत्या दिवस