बजट सत्र लाइव: सत्र समापन में बोले पीएम मोदी, ' जी-20 की अध्यक्षता कर विश्व में बढ़ा भारत का सम्मान'
- आज बजट सत्र का आखिरी
- पीएम का संबोधन जारी
- सरकार दूसरे कार्यकाल का कर रहे जिक्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज संसद में बजट सत्र का अंतिम दिन है। लोकसभा में इसकी शुरुआत सुबह 11 बजे से राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में बोल रहे हैं। उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल पर बात करते हुए कहा, 'आज महत्वपूर्ण है। बीते 5 साल देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म का रहा। मैं सदन और सभी सांसदों का धन्यवाद करता हूं।'
राम मंदिर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'राम मंदिर ने देश की भावी पीढ़ियों को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका दिया। इस विषय पर बोलने में कुछ लोग हिम्मत दिखाते हैं, कुछ मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। आज जो व्याख्यान हुए, उसमें संवेदना, सहानुभूति और संकल्प भी है। बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे। सामूहिक संकल्प और शक्ति से उत्तम परिणाम हासिल करते रहेंगे।'
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी ने कहा, "चुनाव बहुत दूर नहीं हैं, कुछ लोग घबरा सकते हैं लेकिन यह लोकतंत्र का एक अनिवार्य पहलू है। हम सभी इसे गर्व से स्वीकार करते हैं।' मेरा मानना है कि हमारे चुनाव देश का गौरव बढ़ाएंगे और लोकतांत्रिक परंपरा का पालन करेंगे - जिससे दुनिया आश्चर्यचकित है।''
नए आपराधिक कानून के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "75 वर्षों तक हम अंग्रेजों द्वारा दी गई दंड संहिता के साथ रहे। नई पीढ़ी से हम गर्व से कह सकते हैं कि देश भले ही 75 साल तक दंड संहिता के अधीन रहा हो, लेकिन अगली पीढ़ी न्याय संहिता के साथ जीयेगी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोग सामाजिक न्याय से वंचित थे। आज, हम संतुष्ट हैं कि हमने सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय दिलाया है। आतंकवाद एक कांटा बन गया था, देश के सीने में गोलियां दाग रहा था। हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए। मेरा पूर्ण विश्वास है कि जो लोग इस तरह के मुद्दों से पीड़ित हैं उन्हें इसी तरह ताकत मिलेगी।"
धारा 370 हटाने को लेकर पीएम मोदी ने कहा, 'इस कार्यकाल में बहुत री-फॉर्म हुए, जो गेम चेंजर हैं। 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव उन सारी बातों में नजर आती है। बड़े बदलाव की तरफ बढ़ रहे हैं। सदन ने अपनी हिस्सेदारी जताई। हम कह सकते हैं कि हमारी अनेक पीढ़ियां, जिन बातों का इंतजार करती थीं, ऐसे बहुत से काम इस 17वीं लोकसभा के माध्यम से पूरे हुए।'
उन्होंने कहा, 'पीढ़ियों का इंतजार खत्म हुआ। अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान का सपना देखा था, हर पल एक दरार दिखती थी, रुकावट चुभती थी। इसी सदन ने 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप को, पूर्ण प्रकाश के साथ प्रगटीकरण किया। संविधान के 75 वर्ष हुए, जिन महापुरुषों ने संविधान को बनाया, उनकी आत्मा हमें आशीर्वाद देती होगी।'
पीएम मोदी ने कोरोना काल में सांसदों की ओर से सांसद निधि छोड़ने पर उनकी तारीफ करते हुए कहा, 'सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव को एक पल गंवाए बिना सभी सांसदों ने माना। मैं सांसदों का भी धन्यवाद करता हूं, उस कालखंड में देश की आवश्यकताओं को देखते हुए सांसद निधि छोड़ने के प्रस्ताव को एक पल गंवाए बिना सभी सांसदों ने माना।इतना ही नहीं एक देशवासियों को सकारात्मक संदेश देने के लिए अपने आचरण से समाज को एक विश्वास देने के लिए सांसदों ने अपनी सैलरी में 30 फीसदी की कटौती का निर्णय खुद किया। देश को भी विश्वास हुआ कि ये सबसे पहले छोड़ने वाले लोग हैं। हम सांसद मीडिया में कभी ना कभी गाली खाते थे। इतनी सैलरी मिलती है, कैंटीन में इतने कम में खाते हैं। समान रेट होंगे कैंटीन में, इसका किसी सांसद ने विरोध नहीं किया।'
कोरोना संकट पर बोलते हुए पीएम ने कहा, '5 साल में इस सदी का सबसे बड़ा संकट पूरी मानव जाति ने झेला। कौन बचेगा, कौन बच पाएगा, कोई किसी को बचा सकता है कि नहीं, वो ऐसी अवस्था थी। ऐसे में सदन में आना भी संकट काल था। जो भी व्यवस्थाएं करनी पड़ीं, आपने उसको किया। देश के काम को रुकने नहीं दिया। सदन की गरिमा भी बनी रहे और देश के आवश्यक कामों को जो गति देनी चाहिए, वो गति भी बनी रहे, सदन की भूमिका भी कम ना हो। इसको आपने बड़ी कुशलता के साथ संभाला।'
बीते साल भारत की अध्यक्षता में हुए जी-20 सम्मेलन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला। भारत को बहुत बड़ा सम्मान मिला। देश के हर राज्य ने भारत की क्षमता और अपनी पहचान दुनिया के सामने रखी। इसका प्रभाव आज भी दुनिया के मानस पटल पर है।"
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''आप सदैव मुस्कुराते रहते थे। आपकी मुस्कान कभी फीकी नहीं पड़ी। आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं। गुस्से, आरोप-प्रत्यारोप के क्षण आए लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया और सदन चलाया और हमारा मार्गदर्शन किया। मैं इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं।”
पीएम मोदी ने संबोधन में कहा, ''ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे। ऐसा बहुत कम होता है कि सुधार और प्रदर्शन दोनों होते हैं और हम परिवर्तन को अपनी आंखों के सामने देख सकते हैं... देश 17वीं लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा।”