पंचायत चुनाव 2023: पश्चिम बंगाल एक बार फिर हुआ 'लाल', टीएमसी कार्यकर्ता की सारेआम हत्या, इलाके में तनाव का माहौल
- बंगाल में खून की 'होली'
- टीएमसी कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर हिंसा लगातार जारी है। चुनाव से ठीक एक हफ्ते पहले एक बार फिर बंगाल की धरती लाल हुई है। तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। ये घटना बसंती के फुलमालंच इलाके की है। गोली से मरने वाले शख्स की पहचान जियारुल मोल्ला के नाम से हुई है। बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन दाखिल करने के दौरान अब तक 13 लोगों की जान जा चुकी है।
स्थानीय लोगों का दावा है कि, टीएमसी कार्यकर्ता अपने घर जा रहा था तभी अचानक फायरिंग हुई और उसके सिर पर गोली जा लगी और जमीन पर घायल अवस्था में गिर पड़ा। इसके बाद फौरन उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद से ही इलाके में तनाव का माहौल है।
स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
स्थानीय लोगों का यह भी दावा है कि इस हत्या के पीछे पार्टी के गुटीय झगड़ा है। मृतक जियारुल टीएमसी नेता अमरुल लस्कर का करीबी है। गोलीकांड पर स्थानीय विधायक सवाकत मोल्ला ने प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि, हमलावर चाहे किसी भी पार्टी के हो, पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए।
हिंसा लगातार जारी
पश्चिम बंगाल में यह पहली बार हिंसा नहीं है। इससे पहले भी कई बार हिंसा की खबरें आ चुकी हैं। जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जब से चुनाव आयोग ने बंगाल पंचायत चुनाव को लेकर घोषणा की है तब से हिंसा बदस्तूर जारी है। बीते महीने 9 तारीख को मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद कूचबिहार में एक टीएमसी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीएमसी कार्यकर्ता को ये गोली एक झड़प के दौरान लगी थी। गोलीकांड के अलावा कई जगह हिंसक घटनाएं भी हुई हैं जिनमें कई लोग बुरी तरह घायल हुए हैं।
8 जुलाई को वोट डाले जाएंगे
बता दें कि, पश्चिम बंगाल में पहले 8 जून को पंचायत चुनाव होने वाले थे लेकिन जगह-जगह से हिंसा की खबरें आने लगी थी। जिसको देखते हुए चुनाव की तारीख आगे कर दी गई थी। बंगाल पंचायत चुनाव इसी महीने के 8 तारीख को होने वाली है। जिसके नतीजे 11 जुलाई को आएंगे। चुनाव को लेकर प्रदेश के राज्यपाल, कोलकाता हाईकोर्ट और देश का सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है।