झारखंड सियासत: हेमंत सोरेन ही नहीं, झारखंड के ये सीएम भी पूरा नहीं कर सके थे कार्यकाल, जानिए कब और क्यों छोड़ना पड़ा पद और कब-कब लगा राष्ट्रपति शासन

  • हेमंत सोरेन रांची जमीन घोटाला मामले में बुधवार को हुए गिरफ्तार
  • हेमंत सोरेन ने बुधवार रात को मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा
  • चंपई सोरेन होंगे झारखंड के अगले सीएम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-01 12:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब पूर्व सीएम हो चुके हैं। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। हेमंत सोरेन के इस्तीफे का साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री पद से जुड़ा इत्तेफाक कायम है। झारखंड राज्य का गठन होने के बाद से लेकर आज तक सिर्फ ही सीएम अपना कार्यकाल पूरा कर सका है। बाकी के सभी मुख्यमंत्री को किसी न किसी वजह से आधे या उससे भी कम कार्यकाल में अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। इस फेहरिस्त में हेमंत सोरेन से पहले उनके पिता शिबु सोरेन का नाम भी दर्ज है। उनके अलावा कांग्रेस के मधु कोड़ा भी बतौर सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे। अब हेमंत सोरेन भी पांच साल पूरे होने से पहले कुर्सी छोड़ने पर मजबूर हो गए। 

खनन घोटाला गिरफ्तार हुए मधु कोड़ा

झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा का कार्यकाल 14 सितम्बर 2006 से 23 अगस्त 2008 तक रहा।  इस दौरान उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोप लगे। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने खनन का ठेका देने के लिए रिश्वत लिया था। साथ ही, इस अवैध काम से उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 4,000 करोड़ से ज्यादा कमाई भी की थी।

मनी-लॉन्ड्रिंग के इस मामले में उन्हें 2017 में दोषी ठहराया गया। साथ ही, उनकी 144 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर ली गई। घोटाले में उन्हें 25 लाख जुर्माने के साथ तीन साल की जेल हुई थी।

गिरफ्तारी की लिस्ट में हेमंत के पिता भी शामिल

हेमंत सोरेन के पिता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का कार्यकाल 30 दिसंबर से 31 मई 2010 तक था। वह एक आदिवासी नेता थे। 5 दिसंबर 2006 को अदालत ने उन्हें अपने निजी सचिव शशि नाथ झा के हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बता दें कि उनके निजी सचिव की हत्या 1994 में हुई थी।

सबूतों के अभाव में हुए बरी

शिबू सोरेन पर हत्या और अपहरण के आरोप थे। मगर अगस्त 2007 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई को सबूत हासिल करने में विफल होने पर फटकार लगाई और शिबू सोरेन को बरी कर दिया था।

सिर्फ एक मुख्यमंत्री ने पूरा किया कार्यकाल

झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां अभी तक केवल एक मुख्यमंत्री ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके हैं। अपना कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री बीजेपी के रघुवर दास हैं। जिनका कार्यकाल 2014 से 2019 तक था। बता दें कि, बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लग चुका है।

कब-कब लगा राष्ट्रपति शासन?

झारखंड में पहला राष्ट्रपति शासन 19 जनवरी 2009 से 29 दिसंबर 2009 के बीच लगा था। राष्ट्रपति शासन लगने से पहले राज्य के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन थे। दूसरा राष्ट्रपति शासन जून 2010 से 10 सितंबर 2010 तक लगा था। इसके पहले राज्य के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ही थे। मगर हैरत की बात यह की सोरेने दोंनो बार ही अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। तीसरा राष्ट्रपति शासन राज्य में 19 जनवरी 2013 से 12 जुलाई 2013 तक लगा था। इसके पहले राज्य के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा थे।

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