राजनीति छोड़ने का कोई इरादा नहीं, 2024 में पीएम मोदी के नेतृत्व में फिर जीतेंगे चुनाव : नितिन गडकरी
आईएएनएस के साथ खास बातचीत के दौरान गडकरी ने सरकार के कामकाज, विपक्षी दलों के आरोपों, राजनीति से सन्यास लेने की खबरों और अपनी नाराजगी सहित तमाम मुद्दों पर खुलकर और बेबाकी से बातचीत की।
सवाल- आपकी सरकार के 9 वर्ष पूरे हो गए हैं। आप लोग इसे लेकर देशभर में विशेष अभियान चला रहे हैं और अपनी उपलब्धियों को गिना रहे हैं। लेकिन विपक्षी दल खासतौर से कांग्रेस आपकी सरकार के कामकाज की कड़ी आलोचना कर रही है?
जवाब - देश की आजादी के 75 वर्ष हो गए हैं और हम लोग अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इन 75 सालों में कांग्रेस को देश में लगभग 60 साल काम करने का मौका मिला है। लेकिन हम कह सकते हैं कि जो काम कांग्रेस 60 साल में नहीं कर पाई उससे भी ज्यादा काम हमारी सरकार ने 9 साल के कार्यकाल में कर दिया है। भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। आने वाले दिनों में भारत सुपर इकॉनमी बनकर, आत्मनिर्भर भारत बनकर 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को विश्वगुरु बनाएंगे, हम सबकी यही कोशिश है। इसमें काफी अच्छी सफलता मिल रही है और आगे भी कामयाबी मिलेगी, यही हमारी उपलब्धि है।
सवाल - लेकिन विपक्ष तो आरोप लगा रहा है कि आपकी सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है, संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव डाल रहे हैं और राहुल गांधी तो फोन टैपिंग तक का आरोप लगा रहे हैं?
जवाब - विपक्ष दल, अपनी विपक्ष की भूमिका को निभाने के लिए इस तरह की बातें करता रहता है, लेकिन जहां तक हमारा सवाल है हम अपने किए गए पॉजिटिव कामों के बल पर जनता के बीच में जाएंगे और उनका समर्थन मांगेंगे। लोगों को विकास दिख रहा है। हाईवे बन रहे हैं, विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन दिख रहे हैं, नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, उद्योग धंधे लग रहे हैं, निर्यात बढ़ रहा है। सरकार की तमाम योजनाओं को देखा जाए तो देश के हर व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से किसी ना किसी रूप में उसका लाभ मिला है। इसलिए मुझे लगता है कि जनता का समर्थन हमें मिलेगा और 2024 में हमारी सरकार फिर से चुनकर आएगी।
सवाल - लेकिन विपक्षी दल तो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आपकी सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करने में जुटा हुआ है?
जवाब - देखिए, राजनीति में टू प्लस टू कभी फोर नहीं होता है। हमें विश्वास है कि हमारी सरकार के काम के भरोसे हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास के लिए एक बार फिर से भारत की जनता 2024 में हमें चुनने जा रही है।
सवाल- आपके मंत्रालय के कामकाज की बात करें तो आप अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि क्या मानते हैं?
जवाब- 2014 में जब मैं मंत्री बना था, तब लगभग एक करोड़ आदमी, आदमी को ढोने का काम करते थे। मंत्री बनने के बाद मैं ई-रिक्शा लेकर आया, उसका बिल पास किया, अच्छी नीति बनाई और आज कह सकता हूं कि आदमी द्वारा आदमी को ढोने की प्रथा लगभग खत्म हो गई है। आज तो दिव्यांग और महिला भी ई रिक्शा चला रही है। इससे देश में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को रोजगार मिला है, प्रदूषण भी कम हुआ है। यह गरीबों के लिए भी सस्ता है क्योंकि एक बार में चार व्यक्ति बैठकर यात्रा कर सकते हैं। मेरे जीवन में मैने कई अच्छे काम किए हैं। सड़के बनाई, हाईवे बनाए, टनल बनाए लेकिन मानवता के आधार पर मैं इसे अपनी और अपने सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हूं।
सवाल- अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को ग्रामीण सड़कों के लिए जाना जाता है, उसी तरह से क्या आपको लगता है कि मोदी सरकार को हाईवे सरकार या 6 लेन सरकार के रूप में जाना जाएगा?
जवाब- भारत के इतिहास में पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में देश के साढ़े 6 लाख गांवों को सड़कों से जोड़ने का महत्वपूर्ण काम किया गया। उस समय मैं महाराष्ट्र में मंत्री था और अटल जी ने मेरी अध्यक्षता में कमेटी बनाकर उस समय मुझे ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बनाने का सौभाग्य दिया था। उनकी सरकार ने उस समय ही नेशनल हाईवे का भी काम शुरू किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने जब मुझे अपनी सरकार में अवसर दिया तो मैंने अटल जी के बनाए बेस पर ही काम शुरू करके देश का रोड इंफ्रास्ट्रक्च र बदलने का काम किया। मेरा मिशन और लक्ष्य 2024 तक हिंदुस्तान के नेशनल हाईवे को अमेरिका के बराबर का बनाना है।
सवाल- पिछले कुछ महीनों के दौरान आपके कई बयान काफी सुर्खियों में रहे। यह खबर आई कि आप राजनीति से रिटायर हो रहे हैं और अगला चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इस खबर में कितनी सच्चाई है?
जवाब - देखिए मैंने कहा था कि समाज की सेवा करना राजनीति है, राजनीति का मतलब केवल सत्ता नहीं है। राजनीति का मतलब समाज, राष्ट्र और विकास का काम करना है। गांव, गरीब, मजदूरों और दलितों के लिए काम करना है। हम शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर प्रकल्प चलाए हैं, आज भी मैं ऐसे अनेक प्रकार के प्रकल्प चलाता हूं, काम करता रहता हूं जिससे समाज को लाभ होता है और लोगों को मदद मिलती है।
इसके पीछे मेरी यही भावना है कि सेवा ही राजनीति है, राजनीति का मतलब सत्ता नहीं है। हमें राजनीति की व्याख्या को फिर से परिभाषित कर लोगों के सामने रखना चाहिए। यही बात मैंने समझाई थी, लेकिन लोगों ने छाप दिया कि मैं राजनीति छोड़ने वाला हूं, जबकि मैं राजनीति को ही समाज का कार्य समझ रहा हूं तो इसे छोड़ने का कोई कारण ही नहीं है। मैंने चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने के बारे में कुछ नहीं कहा था। मैंने कहा था कि मेरी रूचि सेवा की राजनीति में ज्यादा है, सत्ता की राजनीति में कम है, लेकिन लोगों ने इसका गलत अर्थ निकाल लिया।
सवाल- मतलब आप राजनीति में बने रहेंगे, राजनीति छोड़ने का आपका कोई इरादा नहीं है?
जवाब- मैंने राजनीति छोड़ने के बारे में कभी नहीं कहा है और इसे छोड़ने का मेरे पास कोई कारण भी नहीं है।
सवाल- लेकिन जब संसदीय बोर्ड में आपको फिर से शामिल नहीं किया गया था, तब भी आपकी नाराजगी को लेकर कई तरह की खबरें सामने आईं, इसका सच क्या है?
जवाब- देखिए, मैं ये सब नहीं सोचता हूं और न ही नाराज हूं। मैं पार्टी का कनविक्शन ओरिएंटेड कार्यकर्ता हूं। विचारधारा के लिए कार्य करता हूं। इसलिए नाराजगी का कोई सवाल ही नहीं उठता है। पार्टी जो भी काम देती है, वह करने की कोशिश करता हूं और करता रहूंगा।
(आईएएनएस)
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