लोकसभा चुनाव 2024: पीएम मोदी को चुनौती देने नीतीश कुमार चलेंगे नई चाल, इस लोकसभा से चुनाव लड़ने की है बड़ी तैयारी!

  • बनारस, फूलपुर,और अम्बेडकर नगर से चुनाव लड़ सकते हैं सीएम नीतीश
  • मोदी के लोकसभा क्षेत्र में नीतीश करेंगे चुनाव प्रचार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-09 11:31 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडिया अलायंस के सूत्रधार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए अपनी तैयारियां तेज कर दी है। वे उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसी क्रम में सीएम नीतीश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में चुनाव प्रचार करने वाले हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन को हराने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया अलायंस बनाया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जदयू के नेता नीतीश कुमार यूपी से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले 24 दिसंबर को वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। वाराणसी में कुर्मी बैंक अधिक है। जिसे सीएम अपने पाले में करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। नीतीश कुमार वाराणसी के रोहनिया में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस बात की पुष्टि बिहार के कैबिनेट मंत्री और जेडीयू के संगठन मंत्री श्रवण कुमार ने की है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम नीतीश उत्तर प्रदेश के फूलपुर, बनारस और अम्बेडकर नगर से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, उनके प्रतापगढ़ से भी लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हैं। 

गौरतलब है कि नीतीश कुमार से पहले 17 दिसंबर को पीएम मोदी वाराणसी में चुनावी जनसभा को संबोधित करने आ रहे हैं। पीएम मोदी भी वाराणसी से ही लोकसभा चुनाव का शंखनाद करने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने कार्यकाल के दौरान 43वीं बार वाराणसी का दौरे करने वाले हैं। इस दौरान वे दर्जनभर से अधिक परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।  

नीतीश के सामने चुनौती

पीएम मोदी पिछले दो लोकसभा चुनाव से वाराणसी सीट से संसद भवन पहुंचे हैं और वे इस दौरान प्रधानमंत्री भी बने हैं। बीजेपी के लिए यह काफी ज्यादा सेफ सीट मानी जाती है। साथ ही, जब इस सीट खुद पीएम मोदी चुनाव लड़ रहे हैं तो उनकों सीधी टक्कर मिलना काफी मुश्किल हो जाता है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यहां हिंदुत्व का मुद्दा हावी होने के साथ पीएम मोदी की छवि जनता के मन बसी हुई है। साथ ही, यहां पार्टी कम और पीएम मोदी का असर ज्यादा है।

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