येचुरी का दावा: विपक्ष विहीन देश बनाने की कोशिश कर रही भाजपा
त्रिपुरा सियासत येचुरी का दावा: विपक्ष विहीन देश बनाने की कोशिश कर रही भाजपा
डिजिटल डेस्क, अगरतला। भाजपा भारत को विपक्षहीन बनाने की कोशिश कर रही है और न्यायपालिका, चुनाव आयोग और अन्य संवैधानिक निकायों की रक्षा करके, संविधान और देश की धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए पार्टी को बाहर किया जा सकता है। भाकपा- एम महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को यह बात कही। यहां एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा पर लोगों से चुनाव में हार के बाद कुछ राज्यों में सरकारें बनाकर लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, भाजपा सरकार राष्ट्रीय संपत्ति बेच रही है, जबकि दूसरी ओर, उन्होंने करोड़पतियों के 11 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया है। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार द्वारा सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग जारी रहेगा, लेकिन वाम दलों के नेता इन अनैतिक दबावों के आगे नहीं झुकेंगे। येचुरी ने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और चुनावी बॉन्ड पर लंबे समय से लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अभी तक सुलझाया नहीं गया है।
उन्होंने यह भी याद किया कि 2018 के विधानसभा चुनावों में त्रिपुरा में माकपा के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार को हराने के बाद, भाजपा ने दिल्ली में एक बड़ी रैली की और मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा था कि राज्य में केवल दो लोकसभा सीटें हो सकती हैं। लेकिन वाम दलों को हराना उनके लिए सबसे बड़ी सफलता थी। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में दिग्गज वाम नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका का हवाला देते हुए कहा, भाजपा की तरह, आजादी की अवधि के दौरान, अंग्रेजों ने भी वाम दलों को अपना सबसे बड़ा दुश्मन माना।
माकपा नेता ने कहा कि भाजपा लोगों के बीच वास्तविक तथ्यों और सच्चाई के प्रसार और प्रसार को रोकने के लिए मीडिया पर हमला कर रही है। येचुरी ने दावा किया, जहां भाजपा देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को नष्ट करती है, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना लोगों की स्वतंत्रता को तबाह करने का प्रयास है। माकपा नेता ने देश की जनता से देश की संवैधानिक भावना की रक्षा के लिए एकजुट होकर लड़ने की अपील की। उन्होंने त्रिपुरा के लोगों से भाजपा के फासीवादी शासन के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने और राज्य में लोकतंत्र बहाल करने का भी आग्रह किया।
सभा के दौरान सीपीआई-एम त्रिपुरा के राज्य सचिव और केंद्रीय समिति के सदस्य जितेंद्र चौधरी, सीपीआई-एम पोलित ब्यूरो के सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार और अनुभवी नेता अघोरे देबबर्मा ने भी बात की। चौधरी ने कहा, त्रिपुरा में जंगल राज प्रचलित है। राज्य में कानून का शासन नहीं है। संविधान को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है और भाजपा के माफिया तत्वों ने आतंक का राज खोल दिया है। लोग इस अराजकता से राहत चाहते हैं।
(आईएएनएस)
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