आस्था की धार्मिक नगरी में किसके साथ ब्राह्मण वर्ग, राजनीति में किसको मिलेगा राम का आशीर्वाद
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 आस्था की धार्मिक नगरी में किसके साथ ब्राह्मण वर्ग, राजनीति में किसको मिलेगा राम का आशीर्वाद
- धर्म के राम नाम पर राजनीति
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश के पांचवें चरण में भगवान राम की धार्मिक नगरी में कल रविवार 27 फरवरी को मतदान होना है। उत्तर प्रदेश में सियासी लड़ाई अपने चरम पर है। पांचवें चरण में भगवान श्रीराम की कर्मभूमि चित्रकूट की विधानसभा सीट को बड़ा अहम माना जा रहा है। धर्म और राम के नाम पर हर दल अपने पक्ष में वोटरों को लुभावने के लिए जनता के बीच ज़ोरों शोरों से प्रचार कर रहे हैं।
चित्रकूट का सियासी इतिहास
प्राचीन तीर्थ स्थलों में शुमार चित्रकूट धर्म और आस्था के साथ साथ हिंदू राजनीति का केंद्र भी माना जाता है। 2017 में मोदी योगी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार आने के बाद यह स्थान हिंदुत्व की राजनीति के एक बड़े स्थल के रूप में देखा जाने लगा और संस्कृति में समृद्ध स्थल पॉलिटिक्स में भी प्रगति करने लगा। 2017 में बीजेपी के आने से पहले यहां सपा बसपा की सियासत खूब फलती फूलती रही। आपको बता दें साल 2012 में परीसीमन के बाद चित्रकूट विधानसभा सीट अस्तित्व में आयी। यहां दो विधानसभा क्षेत्र सदर और मानिकपुर हैं। चित्रकूट पहले कर्वी विधानसभा सीट के अंतर्गत आता था।
मानिकपुर सीट के सियासी दांव पेच
मानिकपुर सीट की बात करें तो परीसीमन के बाद से यहाँ सिर्फ दो बार चुनाव हुए, जिसमें एक बार बसपा और दूसरी बार बीजेपी ने जीत हासिल की थी।
साल 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के चंद्रभान सिंह पटेल विधायक ने जीत दर्ज की वहीं 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी के आरके सिंह पटेल ने अपना परचम लहराया। हालांकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के आर के सिंह पटेल की जीत के बाद ये सीट खाली हुई और बाद में यहां उपचुनाव हुआ, उपचुनाव के नतीजों में भी बीजेपी के आनंद शुक्ला ने जीत का झंडा लहराया। मानिकपुर सीट से प्रत्याशी के रूप में ये चेहरे चर्चित है। पटेल मतदाताओं की संख्या भारी तादाद में है। मानिकपुर में अपना दल से अविनाश चंद द्विवेदी और सपा से वीर सिंह पटेल चुनावी मैदान में है। दोनों के बीच टक्कर काफी रोचक मोड़ में बताई जा रही है।
जातिगत समीकरण
चित्रकूट की मानिकपुर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 3,25,686 हैं, जिसमें 1,78,285 पुरुष और 1,47,401 महिलायें हैं। सीट पर सबसे बड़ी आबादी ब्राह्मण वर्ग की हैं। इनकी कुल आबादी करीब 85000 है, वहीं एससी 46 हजार, वैश्य 24 हजार, कुर्मी 22 हजार हैं। यहाँ पर मुसलमानों की कुल आबादी 18000 के करीब है।
सदर सीट का चुनावी गणित
सदर विधानसभा सीट में 3,56,623 मतदाता हैं। इसमें 1,93,342 पुरुष और 1,63,282 महिलाएं हैं।
ब्राह्मण बाहुल्य इस सीट पर हमेशा से ब्राह्मण बिरादरी के जनप्रतिनिधियों का ही दबदबा रहा है। ब्राह्मण वोटरों की अपेक्षा में कुर्मी वोटरों की संख्या काफी कम है।
ददुआ का आतंक यहां आज भी जिंदा है। उसके परिवार का इलाके में आज भी खौफ है। बीजेपी के चंद्र प्रकाश यादव, सपा के अनिल प्रधान पटेल, कांग्रेस कि निर्मला भारती, और बसपा से पुष्पेंद्र सिंह के बीच मुकाबला कांटे का है।