चौटाला, चंद्रबाबू और बादल के साथ मंच साझा कर सकते हैं नीतीश
बीजेपी को झटका! चौटाला, चंद्रबाबू और बादल के साथ मंच साझा कर सकते हैं नीतीश
डिजिटल डेस्क, पटना। पिछले कुछ दिनों से बिहार के सीएम नीतीश कुमार के तेवर बदले बदले से हैं। बात जाति आधारित जनगणना की हो या पेगासिस जासूसी मामले की हो। नीतीश कुमार के सुर अब तक विपक्ष के सुर से मिलते रहे हैं। अब एक बार फिर नीतीश कुमार का कदम बीजेपी को झटका दे सकता है।
बताया जा रहा है कि 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल की 107वीं जयंती के मौके पर हरियाणा के जींद में एक रैली का आयोजन हो सकता है, जिसमें नीतीश कुमार के भी शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं, उनके अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला,पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल समेत टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के आने के आसार हैं।
यह कोई पहली बार नहीं है जब नीतीश ने बीजेपी के विपरीत जाकर कोई फैसला लिया हो, वह इससे पहले भी ऐसे करनामे दिखा चुके हैं। कुछ समय पहले ही 12 जुलाई को, नीतीश ने अपने समकक्ष, भाजपा के योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित नई उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति के विपरीत जाकर एक सार्वजनिक बयान दिया। नीतीश ने जोर देकर कहा कि लड़कियों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने से जनसंख्या दर को कम किया जा सकता है ना कि यूपी जनसंख्या नियंत्रण विधेयक में बताए गए उपायों से।
तुरंत बाद नीतीश ने जाति-आधारित जनगणना की मांग की। यह जानते हुए की बीजेपी को जातिगत जनगणना से कोई फायदा नहीं होगा नीतीश यह कदम खुद में एक सवाल पैदा करता है कि क्या अब वह बीजेपी से अपना रिश्ता तोड़ना चाहते हैं?
इसके बाद भी नीतीश के बयानों का सिलसिला यहीं नहीं थमा, सहयोगी पार्टी भाजपा के खिलाफ एक और जुझारू बयान 2 अगस्त को सामने आया जब नीतीश ने पेगासिस जासूसी विवाद की जांच के लिए कहा। हालांकि नीतीश ने अपने बयान को एक व्यक्तिगत राय के रूप में बताया है, लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं था कि पेगासिस विवाद में वह विपक्ष के साथ हैं। अब जींद की रैली में शामिल होकर नीतीश एक बार फिर बीजेपी को चौंका सकते हैं।