क्या केजरीवाल पीएम पद के लिए विपक्ष का चेहरा होंगे? जनता की बंटी राय : आईएएनएस सर्वे

नई दिल्ली क्या केजरीवाल पीएम पद के लिए विपक्ष का चेहरा होंगे? जनता की बंटी राय : आईएएनएस सर्वे

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-19 08:30 GMT
क्या केजरीवाल पीएम पद के लिए विपक्ष का चेहरा होंगे? जनता की बंटी राय : आईएएनएस सर्वे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में राजनीतिक विस्तार के सपने को पूरा करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 17 अगस्त को मेक इंडिया नंबर 1 अभियान शुरू किया। अभियान के शुभारंभ पर, केजरीवाल ने देश भर में लोगों को मिशन में शामिल करने के लिए अपनी योजना का खुलासा किया। आप नेता ने जोर देकर कहा कि मेक इंडिया नंबर 1 के मिशन के तहत, नागरिकों को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, युवाओं को रोजगार, महिलाओं को समान अधिकार और सम्मान, किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान करना, आदि पर जोर दिया जाएगा।

केजरीवाल ने कहा कि यह अभियान गैर राजनीतिक है। इस पहल को आप नेता द्वारा 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रमुख चुनौती के रूप में पेश करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। सीवोटर नेशनल मूड ट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी जनमत सर्वे किया और लोगों से अगले आम चुनावों से पहले इस अभियान के माध्यम से पीएम मोदी के एक प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरने की केजरीवाल की महत्वाकांक्षा के बारे में जानने की कोशिश की।

सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 48 प्रतिशत लोगों का मानना है कि केजरीवाल देशव्यापी मेक इंडिया नंबर 1 अभियान के माध्यम से विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभर सकते हैं। वहीं 52 प्रतिशत लोग इससे असहमत दिखाई दिए। राजनीतिक समर्थकों केविचारों में भी भिन्नता नजर आई। एनडीए के 61 प्रतिशत समर्थकों ने कहा कि केजरीवाल के पीएम मोदी के प्रमुख चुनौती के रूप में उभरने की कोई संभावना नहीं है, जबकि 55 प्रतिशत विपक्षी समर्थकों ने कहा कि दिल्ली के सीएम देश में शीर्ष पद के लिए विपक्ष का चेहरा बन सकते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि सर्वे से पता चला कि अधिकतर सामाजिक समूहों के उत्तरदाताओं के बहुमत और बड़े अनुपात का मानना है कि केजरीवाल में पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्ष के चेहरे के रूप में उभरने की क्षमता है। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 61 फीसदी अनुसूचित जाति, 70 फीसदी मुस्लिम, 55 फीसदी अनुसूचित जनजाति और 51 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग को लगता है कि आप संयोजक पीएम पद के लिए विपक्ष का चेहरा होंगे। हालांकि, बहुसंख्यक उच्च जाति के 65 प्रतिशत हिंदुओं ने इसपर असहमति दर्ज करायी।

 

(आईएएनएस)

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