देवास की जनता का कौन होगा महापौर? जल्द ही तय होगा उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला   

नगरीय निकाय चुनाव परिणाम देवास की जनता का कौन होगा महापौर? जल्द ही तय होगा उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला   

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-19 19:01 GMT
देवास की जनता का कौन होगा महापौर? जल्द ही तय होगा उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला   

डिजिटल डेस्क, भोपाल।  मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के द्वितीय चरण में हुए मतदान का परिणाम बुधवार को आने वाला है देवास नगर निकाय उन्ही में से एक है। चुनाव परिणाम में यहां पर बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी के बीच में टक्कर देखने को मिल सकती है। इसलिए यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।  

भाजपा ने यहां पर गीता दुर्गेश अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया है  तो कांग्रेस ने विनोदिनी व्यास को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मनीषा चौधरी चुनावी मैदान में है। देवास में आमआदमी पार्टी ने भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। यहां पर 6 उम्मीदवार महापौर के लिए मैदान में हैं।

   
रूझानों में बीजेपी आगे 
देवास नगर निगम में जनता से जो रूझान सामने आ रहे है उसमें बीजेपी उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है। बीजेपी उम्मीदवार के पति दुर्गेश अग्रवाल भले ही बड़े नेता नहीं है लेकिन स्थानीय विधायक गायत्री राजे पवार के करीबी माने जाते है।गीता अग्रवाल को टिकट दिलाने में विधायक की ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है।और देवास में विधायक की पकड़ काफी मजबूत है इस विधानसभा में राजे परिवार को करीब तीन दशकों से कब्जा है।

 सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ भी पंहुचे थे देवास 

बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रोड शो कर जनसभा को संबोधित करते हुए गीता अग्रवाल के लिए जनता से वोट मांगा था। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी देवास की जनता से कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट देने की अपील करते हुए शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला था। 


वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर वहा के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि उनका चुनावी मैनेजमेंट फैल रहा है। और शायद उनकी हार की वजह भी बन सकता है। वहीं कांग्रेस से टिकिट ने मिलने से नाराज कांग्रेस के बड़े नेता शिवा चौधरी ने पार्टी से बगावत कर अपनी बहू  मनीषा चौधरी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है। ऐसे में मनीषा चौधरी कांग्रेस की वोट काटने में सफल हुई तो पूरा फायदा सीधे बीजेपी उम्मीदवार को मिल सकता है। और बीजपी जीत दर्ज करने में कामयाब हो सकती है। हालांकि यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कौन जीतने में कामयाब हो पाया। 

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