राजस्थान में सियासी संकट: क्या हो सकता है गहलोत सरकार को गिराने का BJP का गेम प्लान?
राजस्थान में सियासी संकट: क्या हो सकता है गहलोत सरकार को गिराने का BJP का गेम प्लान?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्या राजस्थान में भी मध्यप्रदेश की कहानी दोहराई जाएगी? क्या गहलोत सरकार को गिराने के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन लोटस सफल हो जाएगा? ये वो सवाल हैं जो इस समय राजनीतिक गलियारों में सबसे ज्यादा पूछे जा रहे हैं। ऐसे इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर अपनी सरकार गिराने की कोशिशों का आरोप लगाया है। उधर, डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत 12 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों के दिल्ली के अलावा हरियाणा के तावड़ू स्थित एक होटल में होने की खबर है। सचिन के भाजपा नेताओं के संपर्क में होने की भी बात कही जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन पायलट ने 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। ऐसे में आज हम आपको आंकड़ों के गणित से समझाने की कोशिश करेंगे कि गहलोत सरकार को गिराने का बीजेपी का गेम प्लान क्या हो सकता है?
इस तरह गिर सकती है गहलोत सरकार
राजस्थान में 200 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 101 है। कांग्रेस के पास 107 विधायकों का समर्थन है। इसके अलावा सरकार को 13 निर्दलीय और एक राष्ट्रीय लोकदल के विधायक का भी समर्थन है यानी गहलोत सरकार के पास 121 विधायकों का समर्थन है। वहीं भाजपा के पास इस समय 72 विधायक हैं। मौजूदा स्थिति में बीजेपी को बहुमत जुटाने के लिए कम से कम 29 विधायक चाहिए जो संभव होता दखाई नहीं देता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर 13 निर्दलीय विधायक जो गहलोत सरकार के साथ हैं, वह टूटकर भाजपा के साथ आ जाए तो भी आंकड़ा 85 तक ही पहुंचता है। ऐसा में गहलोत सरकार के गिरने के दो तरह के समीकरण निकल कर सामने आते हैं। पहला यह कि कांग्रेस में टूट हो जाए। दलबदल कानून के हिसाब से पार्टी में टूट के लिए दो तिहाई विधायक होना चाहिए। यानी कांग्रेस में टूट के लिए 71 विधायक चाहिए होंगे जो संभव नहीं लगता।
राजस्थान में भी अपनाय जा सकता है मप्र का तरीका
गहलोत सरकार को गिराने का दूसरा तरीका वो है जो मध्य प्रदेश में इस्तेमाल किया गया था। अगर मध्य प्रदेश की तर्ज पर कांग्रेस के कुछ विधायक इस्तीफा दे देते हैं और भाजपा को निर्दलियों का समर्थन मिल जाता है तो गहलोत सरकार गिर सकती है। मान लीजिए अगर सचिन पायलट के समर्थक 24 विधायक इस्तीफा दे देते हैं तो सदन में विधायकों की कुल संख्या घटकर 176 रह जाएगी और बहुमत साबित करने का आंकड़ा 101 से कम होकर 89 रह जाएगा। भाजपा के पास इस समय 72 विधायक हैं। अगर उसे 13 निर्दलीयों का भी समर्थन मिल जाए तो उसके समर्थक विधायकों की संख्या 85 तक पहुंच जाएगी। आरएलडी और एकाध और विधायक का समर्थन जुटाकर भाजपा सरकार बनाने के करीब पहुंच जाएगी। वहीं कांग्रेस के विधायकों की संख्या 83 रह जाएगी। ऐसे में कांग्रेस सरकार सदन में बहुमत खो देगी।
राजस्थान विधानसभा की मौजूदा स्थिति:
पार्टी | विधायकों की संख्या |
कांग्रेस | 107 |
भाजपा | 72 |
निर्दलीय | 13 |
आरएलपी | 3 |
बीटीपी | 2 |
लेफ्ट | 2 |
आरएलडी | 1 |