सपा की सियासत बचाने के लिए चुनाव में उतरे पति पत्नी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 सपा की सियासत बचाने के लिए चुनाव में उतरे पति पत्नी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-24 09:46 GMT
सपा की सियासत बचाने के लिए चुनाव में उतरे पति पत्नी
हाईलाइट
  • 27 फरवरी को मतदान

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश  विधानसभा चुनाव के पाँचवे चरण के पैर अब अवध और पूर्वांचल में पसर चुके है,  पाँचवे चरण में 12 जिलों कि 61 सीटों पर  692 उम्मीदवार सियासी जंग के मैदान में आमने सामने उतरे हैं। इन प्रत्याशियों में से दो चेहरों की चर्चा जोरों शोरो पर है। इसके पीछे की वजह चेहरों का आपस में पति पत्नी होना  है।  यूपी के सात चरणों के चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें इसी चरण में है। इस चरण  की वोटिंग 27 फरवरी को होंगी। 

                                       

हम बात कर रहे हैं यूपी के बहराइच जिले कि जहाँ सियासी जंग का ये पड़ाव बड़ा ही दिलचस्प देखने को मिल रहा है। इस चरण में बहराइच की दो सीटों पर पति-पत्नी चुनाव लड़ रहे हैं। अगर दोनों चुनाव जीतते है तो एक ही सियासी परिवार से दो विधायक सदन पहुंचेगे। सबसे बड़ी बात ये है कि दोनों पति पत्नियों को एक ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। समाजवादी पार्टी ने दोनों मियां बीवी को अपना उम्मीदवार बनाया। 

मुस्लिम बाहुल्य बहराइच की जनसंख्या 186,223 है; जिनमें से 97,653 पुरुष और 88,570 महिला हैं।  जहाँ  56.07% शहर की आबादी मुस्लिम है। हिंदू जनसंख्या भी कम नहीं है, जहाँ कुल आबादी में लगभग 42.40% हिंदू हैं।

पति-पत्नि चुनावी मैदान में
 बहराइच जिले में सात सीटें हैं, मटेरा और सदर दो ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहाँ चुनावी संग्राम रोचक नज़र आ रहा है।  बहराइच में पति की विरासत संभालने के लिए पत्नी ने सियासी मैदान में कदम रखा है। मटेरा विधानसभा सीट से सपा ने विधायक रह चुके यासर शाह की पत्नी मारिया अली शाह को  प्रत्याशी बनाया है। वहीं बहराइच सदर सीट से यासर शाह को उम्मीदवार बनाया है। यासिर शाह  अपने पिता डॉक्टर वकार अहमद शाह की विरासत बचाने के लिए इस सीट से चुनाव लड़ रहे है।  इन दोनों सीटों पर अब सत्ता कि कुर्सी बचाने की जंग लड़ी जा रही है। एक तरफ मारिया शाह घर-घर जा कर वोट मांग रहीं हैं,  दूसरी तरफ यासर शाह अपने पिता के शासन के दौरान कराए गए विकास की बात पर वोट मांग रहे हैं। दोनों ही  मटेरा और सदर की सीटों पर अपना दबदबा बनाने के लिए वादो की छड़ी लगा रहे हैं। ऐसे में अगर दोनों जीत जाते हैं, तो एक ही सियासी परिवार से दो विधायक विधानसभा पहुंचेगे।

सियासी इतिहास
बहराइच में सीमांकन के बाद साल 2008 में चर्दा व फखरपुर विधानसभा को लुप्त कर बलहा, मटेरा व पयागपुर सीट बनी। 2012 के मटेरा विधानसभा चुनाव में यासर शाह ने जीत दर्ज  की थी। मोदी लहर के बीच  2017 में हुए  विधानसभा चुनाव में भी, यासर शाह ने चुनाव जीतकर अपना कब्जा बरकरार रखा। पिछले एक दशक से इस सीट पर सपा का दबदबा  कायम रहा है। 

1993 से लेकर 2012 तक बहराइच सदर सीट पर सपा का कब्जा रहा है, सपा के  टिकट पर डॉ वकार अहमद शाह को यहां कोई मात नहीं दे पाया। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी रूवाब सईदा ने 2017 में चुनाव लड़ा जिसमें वो बीजेपी की महिला प्रत्याशी अनुपमा जयसवाल से हार गईं। 
इस बार समाजवादी पार्टी ने बहराइच सदर की सीट पर डॉक्टर वकार अहमद शाह के बेटे यासर शाह को प्रत्याशी बनाया है और डॉ. वकार की पुत्रवधू मारिया शाह को मटेरा से टिकट दिया गया है। सत्ता कि विरासत को संभालने के लिए  इस दिलचस्प जंग में समाजवादी पार्टी कितना सफल होती है, इसका फैसला 27 फरवरी को पड़ने वाले वोट और  10 मार्च को आने वाले नतीजे ही बताएंगे।


 
 

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