एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने के पीछे ये है भाजपा की रणनीति!
मुंबई एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने के पीछे ये है भाजपा की रणनीति!
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र नये सीएम के रुप में शपथ ले ली है। इससे पहले महाराष्ट्र बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम देवेन्र् फड़नवीस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्रेंन स करके एकनाथ शिंदे के नाम सीएम पद के लिए घोषित कर सबको चौंका दिया। हालांकि एकनाथ शिंदे को सीएम पद देने के पीछे बीजेपी की एक अहम रणनीति है और इसकी बड़ी वजहें हैं। आइए जानते हैं उन वजहों को।
बीएमसी चुनाव
बीजेपी की शिंदे को सीएम पद देने की पहली वजह है बीएमसी चुनाव। इन चुनावों में उद्धव की शिवसेना का मुकाबला करने के लिए एकनाथ शिंदे की सेना को खड़ा किया जाएगा। साथ ही मराठी और हिंदुत्व के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है। गौरतलब है कि पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे से मराठा समुदाय आरक्षण को लेकर काफी नाराज चल रहा था।
बीजेपी ने शिंदे को सूबे का मुखिया बनाकर कहीं न कहीं मराठा समुदाय को भी साधने की कोशिश की है। क्योंकि शिंदे मराठा समुदाय से ही आते है। जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने शिंदे को 2024 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीएम पद के लिए आगे किया है ताकि मराठों की नाराजगी दूर कर उसका आम चुनाव में फायदा उठाया जा सके।
उद्धव की शिवसेना को खत्म करना
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने शिंदे को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया है। बीजेपी के ऐसा करने की वजह यह है कि, बीजेपी इन ढाई सालों में उद्धव की शिवसेना के लोगों को एकनाथ की शिवसेना में शामिल करके उद्धव की शिवसेना को खत्म करने की कोशिश करेगी। उसका लक्ष्य ठाकरे की शिवसेना के सामने एकनाथ की बड़ी और मजबूत शिवसेना खड़ी करना है।
बीजेपी की रणनीति पूरी शिवसेना को शिंदे के साथ लाने की है। शिंदे ने साफ कर दिया है कि वो बालासाहब ठाकरे के हिंदुत्व वाले विचारों को आगे बढ़ाएंगे। इससे स्पष्ट है कि शिंदे महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की राजनीति में सेंध लगाकर शिवसेना का सबसे बड़ा नेता बनना चाहेंगे।
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि, एकनाथ शिंदे को बीजेपी ने यह प्रस्ताव पहले ही दे दिया था। इसी के बाद शिंदे ने पूरी रणनीति के साथ शिवसेना के आधे से ज्यादा बागी विधायकों को अपने साथ लिया। बताया जा रहा है कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे के बीच इसको लेकर बातचीत एक साल पहले से चल रही थी। जिसका इफेक्ट राज्यसभा और विधान परिषद के चुनावों में भी नजर आया।