हिमाचल में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर खींचतान जारी, सीएम सुक्खू के दिल्ली वापसी से पहले ही राज्य में गरमाई सियासत
हिमाचल प्रदेश सियासत हिमाचल में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर खींचतान जारी, सीएम सुक्खू के दिल्ली वापसी से पहले ही राज्य में गरमाई सियासत
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से सियासी पारा चढ़ने के आसार हैं। बीते दिनों राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। जिसकी वजह से हिमाचल प्रदेश में मंत्रिमडंल का विस्तार नहीं हो पाया था। मौजूदा वक्त सीएम सुखविंदर सिंह का इलाज दिल्ली के हिमाचल सदन में चल रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वो हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हो सकते हैं, लेकिन सीएम सुक्खू के दिल्ली से निकलने के पहले ही पार्टी विधायक राजधानी शिमला में अपना डेरा जमाने लगे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी में सीएम पद के लिए जिस तरह खींचतान चली और पार्टी आलाकमान को बीच बचाव में आना पड़ा था, वैसे ही मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान होने के पूरे आसार हैं।
तैयार हुई मंत्रियों की लिस्ट?
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के कोरोना से संक्रमित होने की वजह से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया था। पिछले कुछ दिनों पहले ही राज्य में कांग्रेस पार्टी के नेताओं व विधायकों में गुटबाजी की खबरें सामने आई थी। जहां विधायकों में होड़ लगी हुई थी कि हम मंत्री बनेगें। विधायकों में खेमेबाजी को देखते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बैठक भी की थी। हाल ही में प्रदेश के विधायकों के दो धड़ों में बंटने की खबर आने के बाद कांग्रेस के आलाकमान ने सबको मुलाकात के लिए बुलाया था।
बता दें कि राहुल गांधी ने पूरे 40 विधायकों के साथ राजस्थान के अलवर जिले में बैठक की थी। जिसमें वो विधायकों के बीच की कलह को खत्म करने की कोशिश की थी। हालांकि, पिछले दिनों ऐसा लग रहा था कि पहाड़ी राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा, लेकिन सीएम सुक्खू के कोरोना पॉजिटिव आ जाने की वजह से टल गया था। जिसके बाद से एक बार फिर विधायकों के बीच कलह की खबरे आने लगी है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस आलाकमान मंत्री बनने वालों विधायकों की एक लिस्ट तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही जारी किया जा सकता है।
शीतकालीन सत्र पर पड़ा प्रभाव
सीएम के कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से हिमाचल प्रदेश के शीतकालीन सत्र पर भी प्रभाव पड़ा है। अधिसूचना के मुताबिक, पहाड़ी राज्य में तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र चलने वाले थे। वहीं राज्यपाल राजिंदर विश्वनाथ अर्हलेकर ने धर्मशाला के पास तपोवन विधानसभा परिसर में 22 दिसंबर के सुबह 11 बजे तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र आहुति किया है। बताया जा रहा है कि अब अगले साल 2023 में ही सत्र आरंभ होने की संभावना है। इसी शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य के नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण भी होना था, लेकिन अब ऐसा होना कम ही लग रहा है।