कागजात में दर्ज मृत आदमी की उम्मीदें धराशायी हुई
यूपी चुनाव कागजात में दर्ज मृत आदमी की उम्मीदें धराशायी हुई
- यूपी चुनाव : कागजात में दर्ज मृत आदमी की उम्मीदें धराशायी हुई
डिजिटल डेस्क, कानपुर। कानपुर में एक विधानसभा सीट के लिए नामांकन पत्र खारिज होने के बाद कागजात में मृत घोषित होने वाले व्यक्ति की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। वाराणसी के रहने वाले संतोष मूरत सिंह ने राजस्व रिकॉर्ड में मृत घोषित होने के बाद यह साबित करने के लिए कि वह जिंदा है, महाराजपुर विधानसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया था। अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा नहीं करने के लिए उनके नामांकन पत्र को खारिज कर दिया गया है।
सिंह ने गुरुवार को यह कहते हुए विरोध प्रदर्शन किया कि उनका नामांकन गलत कारणों से खारिज कर दिया गया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उसके चचेरे भाइयों ने उसकी संपत्ति हड़पने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उसे मृत घोषित कर दिया था। पर्चा खारिज होने के बाद फूट-फूटकर रोते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि अगर उन्होंने चुनाव लड़ा तो उन्हें न्याय मिलेगा क्योंकि इससे साबित होगा कि वह बहुत जिंदा हैं।
वाराणसी के चितौनी के रहने वाले सिंह को राजस्व विभाग में मृत घोषित कर दिया गया है। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, 2003 में मुंबई में एक ट्रेन में विस्फोट के बाद उनकी मृत्यु हो गई थी। फर्जी डेथ सर्टिफिकेट के आधार पर उसके चचेरे भाइयों ने कथित तौर पर उसकी साढ़े 12 एकड़ जमीन अपने नाम पर ट्रांसफर कराकर बेच दी। सिंह खुद को जिंदा साबित करने के लिए 17 साल से चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक सफलता नहीं मिली है।
आईएएनएस