स्वामी प्रसाद का रामचरिमानस पर एक बार फिर विवादित बयान, सियासत गरमाने के हैं पूरे आसार
बिगड़े बोल स्वामी प्रसाद का रामचरिमानस पर एक बार फिर विवादित बयान, सियासत गरमाने के हैं पूरे आसार
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक बार फिर रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया है। जिसके बाद एक बार फिर यूपी की सियासत गरमाने की पूरी संभावना जताई जा रही है। दरअसल, हाल ही में उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने सुंदर पाठ कराने का निर्णय लिया था। स्वामी प्रसाद ने सरकार के इस निर्णय को हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। स्वामी ने इसको लेकर एक ट्वीट किया।
योगी सरकार के सुंदर कांड फैसले को लेकर स्वामी प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा "ढोल, गवार, शुद्र, पशु, नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी। उसी सुंदरकांड का हिस्सा, जिसका सरकार ने पाठ कराने का निर्णय लिया है यानी सरकार का यह निर्णय महिलाओं व शूद्र समाज को प्रताड़ित व अपमानित करने वाले 3% लोगों का बढ़ावा देने एवं 97% हिंदू समाज के भावनाओं को आहत करने वाला है।"
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) March 16, 2023
सविंधान के खिलाफ है योगी सरकार- प्रसाद
आपको बता दें कि, इससे पहले भी स्वामी प्रसाद हिंदुओं के धार्मिक ग्रन्थ रामचरितमानस को लेकर कई बार गलत बयानबाजी कर चुके हैं। जिसमें उन्होंने कहा था कि, जब पूरी दुनिया रामचरितमानस की पाठ स्वत: ही बंद कर दी है। लेकिन अब यूपी की सरकार अपने खर्च पर पाठ करवा रही है। उन्होंने आगे कहा था कि यह देश सबका है। इस देश में हर तरह के लोग रहते हैं जो हर तरह की जातियों से आते हैं, इन तमाम लोगों ने आजादी दिलाने में अपनी शहदात दी। ऐसे में यूपी की सरकार को एक धर्म विशेष को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
स्वामी प्रसाद ने कहा था कि, सरकार सविंधान के खिलाफ काम कर रही है। मेरे लिए सभी धर्म एक सम्मान हैं और सरकार को भी सभी धर्मों को एक सम्मान देखना चाहिए और उन्हें बढ़ाने में अपना सहयोग करना चाहिए। उनके इस बयान के बाद स्वामी पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी। लेकिन अब एक बार फिर से उन्होंने विवादित बयान देकर बीजेपी को बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया है।
भाजपा से उखड़े स्वामी
कभी बीजेपी में रहे स्वामी प्रसाद मौर्या आज भाजपा से उखड़े-उखड़े हुए नजर आते हैं। वो कई बार बीजेपी की सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि वो एक विशेष वर्ग के खिलाफ काम करती है और तमाम प्रतिष्ठित संस्थाओं का वो दुरूपयोग कर रही है। हालांकि, अब रामचरितामानस पर एक बार फिर से बयान बाजी करके स्वामी प्रसाद बीजेपी के निशाने पर आ सकते हैं।