बिहार: सुशील मोदी का छलका दर्द, बोले- कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता, भाजपा भेज सकती है राज्यसभा

बिहार: सुशील मोदी का छलका दर्द, बोले- कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता, भाजपा भेज सकती है राज्यसभा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-15 18:12 GMT
बिहार: सुशील मोदी का छलका दर्द, बोले- कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता, भाजपा भेज सकती है राज्यसभा

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में नई सरकार के गठन के लिए रविवार को कई महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं। इस दौरान नीतीश कुमार को एनडीए का विधायक दल का नेता चुना गया और तय किया गया कि नीतीश ही बिहार के अगले सीएम होंगे, लेकिन डिप्टी सीएम पद के लिए अब भी असमंजस जारी है। दरअसल, सरकार गठन के लिए आयोजित की गईं बैठकों के लिए भाजपा ने रक्षा मंत्री और पूर्व पार्टी अध्यक्ष को चुनाव पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने लगभग सभी पदों की जानकारी तो दे दी, लेकिन उपमुख्यमंत्री पद पर चुप्पी साध गए। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी के फिर से उपमुख्यमंत्री बनने की संभावना पर पानी फिर सकता है। क्योंकि बैठक में तारकिशोर प्रसाद को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया है और उन्हें एनडीए का उपनेता बनाया गया है। जबकि रेणु देवी बीजेपी विधायक दल की उपनेता चुनी गई हैं।

अब राजनाथ की चुप्पी के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा। आगे भी जो जिम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूंगा। कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता। सुशील मोदी ने एक अन्य ट्वीट कर तारकिशोरजी को भाजपा विधानमंडल का नेता सर्वसम्मति से चुने जाने पर कोटिश बधाई भी दी। 

इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर तारकिशोर प्रसाद को बीजेपी विधानमंडल दल का नेता और रेणु देवी को उपनेता चुने जाने पर बधाई दी। वहीं उपमुख्यमंत्री पद को लेकर गिरिराज सिंह ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आदरणीय सुशील जी आप नेता हैं, उप मुख्यमंत्री का पद आपके पास था, आगे भी आप भाजपा के नेता रहेंगे ,पद से कोई छोटा बड़ा नहीं होता।

सुशील मोदी ने सोशल प्रोफाइल से डिप्टी सीएम पद भी हटाया
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सुशील कुमार मोदी को दिवंगत रामविलास पासवान की जगह राज्यसभा भेजकर भाजपा उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने जा रही है। भाजपा ने अबतक औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सुशील मोदी ने अपनी सोशल प्रोफाइल से अपना पुराना पदनाम हटा दिया है। एक ट्वीट भी किया और लिखा कि जो जिम्मेदारी मिलेगी निभाऊंगा, कार्यकर्ता पद से तो हटाया नहीं जा सकता।

सुमो की खिलाफ रायशुमारी देखते हुए ही राजनाथ सीधे NDA की बैठक में गए
शनिवार को ही सुशील मोदी दिल्ली से लौटे थे। रविवार को राजनाथ सिंह भाजपा के जीते विधायकों की बैठक में सुमो के डिप्टी सीएम पद पर बने रहने या नहीं रहने को लेकर रायशुमारी करने वाले थे। सुबह विधायक भाजपा दफ्तर में राजनाथ सिंह का इंतजार करते रहे, लेकिन वह आए ही नहीं। बताया जाता है कि सुशील मोदी के खिलाफ रायशुमारी को लेकर गोलबंदी को देखते हुए राजनाथ ने भाजपा की बैठक में जाने की जगह सीधे राजकीय अतिथिगृह होकर NDA की बैठक में सीएम आवास जाना सही समझा। इस बैठक में राजनाथ नित्यानंद राय और सुशील मोदी के साथ गए।

सुशील मोदी के ट्वीट से हुई पुष्टि
बैठक के सिर्फ एक ही फैसले की जानकारी सार्वजनिक की गई कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे। इसके बाद नीतीश कुमार जब राजभवन की ओर सरकार बनाने का दावा पेश करने निकले और सुशील मोदी राजनाथ सिंह के साथ राजकीय अतिथिगृह चले गए तो यह कहा गया कि सुमो के पद को लेकर संशय है। शाम चार बजे जब सुशील मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए यह संदेश दिया कि उन्हें कार्यकर्ता पद से तो नहीं हटाया जा सकता है, तब यह पुष्टि हो गई कि नीतीश की पसंद के खिलाफ भाजपा ने सुमो को उनके डिप्टी पद से हटा दिया है।

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