दूसरे चरण के 55 सीटों पर प्रत्याशियों के चुनावी नैया के खास खेवैया होंगे गन्ना किसान

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 दूसरे चरण के 55 सीटों पर प्रत्याशियों के चुनावी नैया के खास खेवैया होंगे गन्ना किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-13 17:26 GMT
दूसरे चरण के 55 सीटों पर प्रत्याशियों के चुनावी नैया के खास खेवैया होंगे गन्ना किसान

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को होगा। जाट लैंड के नाम से जाना जाने वाला पश्चिमी यूपी के 55 सीटों पर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला गन्ना किसान करेंगे। इस बार भी सूबे के चुनावों में गन्ना किसानों की प्रमुख मुद्दा हैं। ऐसे में राज्य की प्रमुख फसल पैदावार करने वाले क्षेत्र में सोमवार को दूसरे चरण का मतदान होने जा रहा है।

गौरतलब है कि प्रदेश में गन्ने का क्षेत्रफल 23.08 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है। जबकि 2020-21 में ये 23.07 लाख हेक्टेयर था। उत्तर प्रदेश में कम से कम 35 लाख गन्ना किसानों का घर है। हालांकि अबकी बार गन्ना किसानों का मुद्दा काफी अहम माना जा रहा है, जो सीधेतौर पर 55 विधानसभा सीटों पर अपना प्रभाव रखता है।

गन्ना किसानों का प्रभाव

गन्ने की खेती की प्रमुखता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पश्चिमी यूपी के जिलों में इस फसल की पैदावार का भारी अनुपात है। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बरेली जिले के 9 विधानसभा सीटों में से सभी 9 सीटों पर अपना परचम लहराया था। यहां पर करीब 70 फीसदी गन्ना किसान है। हालांकि अबकी बार इस सीट पर बीजेपी पिछले प्रदर्शन को दोहरा पाएगी? ये तो 10 मार्च को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।

अगर गन्ना किसानों की बात करें तो मुरादाबाद में लगभग 60 प्रतिशत, बदायूं में 40 प्रतिशत, बिजनौर में 50 प्रतिशत से अधिक और रामपुर में लगभग 45 प्रतिशत गन्ना किसान हैं। अन्य जिलों में संभल में 35 प्रतिशत गन्ना किसान हैं, सहारनपुर और अमरोहा में क्रमश: 65 प्रतिशत और 60 प्रतिशत और शाहजहांपुर में 35 प्रतिशत गन्ना उत्पादक हैं। जो इन सभी सीटों पर अपना पूरा असर डालते हैं। 

इन सीटों पर पड़ेगा वोट

उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के जिन सीटों पर सोमवार को मतदान होगा उनमें  बरेली, बरेली कैंट, नूरपुर, कंठ, धनौरा (एससी) नजीबाबाद, नगीना (एससी), बरहापुर, धामपुर, नेहटौर (एससी), बेहट, नकुर, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद ग्रामीण, मुरादाबाद नगर, बिजनौर, चांदपुर, बिथरी चैनपुर, नौगवां सादात, अमरोहा, हसनपुर, गुन्नौर, बिसौली (एससी), कुंदरकी, बिलारी, चंदौसी (एससी), असमोली, संभल, सुअर, चमरौआ , बिलासपुर, रामपुर, मिलक (एससी), देवबंद, रामपुर मनिहारन (एससी), गंगोह, सहसवां, बिलसी, बदायूं, शेखूपुर, दातागंज, बहेरी, मीरगंज, भोजीपुरा, नवाबगंज, फरीदपुर (एससी), तिलहर , पवयन (एससी), शाहजहांपुर, दादरौल, आंवला, कटरा और जलालाबाद शामिल हैं। दूसरे चरण के कुल 9 जिलों में 55 विधानसभा सीटों के लिए 586 प्रत्याशी मैदान में हैं। जिसमें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नौ निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल हैं।

गन्ना भुगतान किसानों की बड़ी समस्या

किसानों का कहना कि चीनी मिल हमारे पैसा का भुगतान नही कर रही है। जिससे किसानों को परिवार के इलाज, लड़कियों की शादी, बच्चों के स्कूलों की फीस जैसे तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का ये मुद्दा गर्माता देख अबकी बार बीजेपी ने लोकलुभावन चुनावी घोषणा की है कि अगर बीजेपी सत्ता में वापसी करती है तो किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान 14 दिनों के भीतर किया जाएगा और भुगतान में देरी होने पर ब्‍याज सहित भुगतान किया जाएगा। हालांकि बीजेपी की ये घोषणा किसानों के वोट पर कितना असर डालेगा, ये सब 10 मार्च को नतीजे आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

वैसे, किसानों को बीजेपी अपने पक्ष में करने के लिए सभी हथकंडे अपना रही है। किसानों का कहना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भुगतान को मंजूरी मिल जाए और उर्वरकों के साथ-साथ कीटनाशकों की कीमतों में वृद्धि के मामले को भी देखें। गन्ना किसान नकदी फसल उगाता और समय से भुगतान नहीं पाता। जिसको लेकर किसानों को मील के सामने धरना प्रदर्शन करना पड़ता है। यहां तक कि कई बार पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ती है। सोमवार को गन्ना किसान गन्ना किसान करेंगे उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला। 

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