शिवसेना का आंतरिक मामला, कांग्रेस-एनसीपी मजबूती से दे रहे अपना सहयोग : मलिकार्जुन खड़गे
महाराष्ट्र शिवसेना का आंतरिक मामला, कांग्रेस-एनसीपी मजबूती से दे रहे अपना सहयोग : मलिकार्जुन खड़गे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी समीकरण को लेकर राज्य सभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला और दावा किया कि यह आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के पक्ष में अतिरिक्त संख्या बटोरने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट कर दिया है कि, यह शिवसेना का आंतरिक मामला है, कांग्रेस-एनसीपी अपनी-अपनी जगह पर हैं और मजबूती के साथ महाविकास आघाड़ी को सहयोग दे रहे हैं। हमारी सरकार टिकेगी, बागी विधायक आएंगे और उद्धव जी के सामने अपनी बात रखेंगे और जल्द मसला खत्म होगा यह मेरी आशा है। मलिकार्जुन खड़गे के मुताबिक, महाविकास आघाड़ी राज्य में डवलपमेंट के लिए बनी है।
दरअसल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) मंगलवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद राजनीतिक उथल-पुथल में घिर गई। 55 विधायकों वाली शिवसेना राज्य में एमवीए सरकार का नेतृत्व करती है, एनसीपी 53 विधायकों के साथ और कांग्रेस पार्टी 44 विधायकों के साथ राज्य सरकार में गठबंधन सहयोगी है। महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सदस्यों की ताकत है।
कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा, भाजपा चाहती है कोई भी नॉन बीजेपी सरकार अस्तित्वत में न रहे यह उनका इरादा है। वहीं राष्ट्रपति चुनाव भी हैं और उनको नंबर की जरूरत है और इसलिए वह चाहते हैं राष्ट्रपति चुनाव के अंदर ही महाराष्ट्र की सरकार को गिराया जाए। महाराष्ट्र की स्थाई सरकार को केंद्र और भाजपा मिलकर अस्थाई करके अपनी सत्ता लाना चाहती है।
उन्होंने आगे कहा, महाराष्ट्र में जो गड़बड़ हो रहा है वहां की सरकार गिराने के लिए भाजपा बहुत कोशिश कर रही है, वहां के शिवसेना के विधायकों को सूरत ले जाया गया, सूरत में किसकी सरकार है? यह आपको पता है फिर वहां से हटाकर गुवाहाटी ले जाया गया। इससे ही समझना होगा यह बीजेपी का खेल है। यह तोड़ मोड़ के वहां की सरकार को निकलना चाहती है महाविकास अघाड़ी एक मजबूत सरकार है और मजबूती से चल रही है लेकिन उसको अस्थिर करने के लिए बीजेपी हर कोशिश कर रही है।
कांग्रेस कहना चाहती है, तीनों मिलकर लड़ेंगे इसके लिए जो कुछ भी जरूरत होगी हम करेंगे। कुछ राज्यों में भी इन्होने ऐसा ही किया था, कर्नाटक, एमपी, गोवा, मणिपुर में भी कर चुके हैं।
इसके अलावा कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी केंद्र पर हमला बोला, उन्होंने कहा, शिवसेना पर हम अपनी बात नहीं रखना चाहते, क्योंकि उनके पार्टी का इंटरनल मामला है, पर हमारा विश्वास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी पर है और हम संपर्क में हैं, हमारे महाराष्ट्र के हमारे साथियों के साथ और हमारा विश्वास है कि भाजपा की जो ये मंशा है कि वो सरकार को, एक स्थिर सरकार को गिराएगी और वापस देश को अस्थिरता में फेंकने की उनकी जो मंशा है, वो नाकाम होगी।
उन्होंने असम में बाढ़ की स्थिति पर कहा, असम और उत्तर पूर्वांचल बाढ़ से कितना प्रभावित हुआ है और वर्तमान में कितने लोगों की जान गई है। इस समय एक जिम्मेदार केन्द्रीय सरकार अगर आज होती, तो असम और उत्तर पूर्वांचल में केन्द्रीय मंत्री वहां भेजते। प्रधानमंत्री स्वयं जाते, खुद देखते वर्तमान की क्या समस्याएं हैं, कहां कमी है, लोगों की क्या समस्या है और फिर केन्द्र सरकार आर्थिक तरीके से एक पैकेज, एक मदद के लिए, साथ ही साथ वहाँ जो लॉजिस्टिक सपोर्ट चाहिए, वो देती।
वर्तमान में भाजपा क्या करती है कि महाराष्ट्र की सरकार गिरानी है और महाराष्ट्र के विधायकों को वो असम भेजती है।
दरअसल महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पर उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपनी चुप्पी भी तोड़ी और राज्य को एक भावनात्मक संबोधन किया। उन्होंने इस दौरान कहा था, यदि बागी विधायक बताएं कि वे राज्य सरकार के प्रमुख पद पर उनका बने रहना नहीं चाहते, तो वह सीएम पद से हटने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही ठाकरे ने अपने संबोधन में एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायकों से अपील की कि वे वापस आएं और उनके साथ इस मुद्दे पर आमने-सामने चर्चा करें।
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